चाय कारखाने लगने से एक हजार ग्रामीणों को मिलेगा स्वरोजगार

अल्मोड़ा : प्रदेश के चाय बागानों को टी-टूरिज्म से जोड़ने की दिशा में उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड (यूटीडीबी) उपाध्यक्ष गोविंद सिंह पिलख्वाल की पहल रंग लाई है। उनके प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में चार नए चाय कारखानों को हरी झंडी दे दी है। खास बात कि अल्मोड़ा, नैनीताल व चंपावत में कारखाना लगने से एक हजार से ज्यादा स्थानीय ग्रामीण सीधा स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे।

मुख्यमयंत्री त्रिवेंद्र ने गुरुवार को चाय विकास बोर्ड की वर्चुअल समीक्षा में यूटीडीबी उपाध्यक्ष गोविंद सिंह के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। चाय बागानों को टी-टूरिज्म से जोड़ ग्रामीणों की आर्थिकी मजबूत करने को कवायद तेज हो गई है। अल्मोड़ा के गरुड़ाबांज (धौलादेवी ब्लाक), डीडीहाट (पिथौरागढ़) व चंपावत में नई चाय फैक्ट्री स्थापित की जाएगी। यूटीडीबी उपाध्यक्ष गोविंद सिंह पिलखवाल ने कहा कि इन तीनों स्थानों पर चाय फैक्ट्री खुलने के बाद एक हजार से ज्यादा स्थानीय महिला पुरुष सीधे रोजगार से जुड़ सकेंगे। तमाम ग्रामीणों को अप्रत्यक्ष रूप से स्वरोजगार भी मिलेगा। जिन्हें बाद में स्थायी करने के प्रयास किए जाएंगे। उधर गरुड़ाबांज में उद्यान विभाग की भूमि को नए बागान की शक्ल दी जाएगी।

अगले चरण में नैनीताल पर फोकस यूटीडीबी उपाध्यक्ष के मुताबिक अगले चरण में रामगढ़ ब्लाक क्षेत्र के साथ ही रातीघाट क्षेत्र के सिल्टोना व घुना गांव स्थित पौधालयों को बागान के रूप में विकसित किया जाएगा। वहीं भविष्य में चाय कारखाना लगाने की भी योजना है।

‘हमने मुख्यमंत्री को यह प्रस्ताव भी दिया था कि जो निजी संचालक किन्हीं कारणों से चाय फैक्ट्री नहीं चला पा रहे हैं, उन्हें बोर्ड अपने संसाधनों से दोबारा चालू करेगा। ताकि स्थानीय ग्रामीणों को स्वरोजगार मिल सके। इस सुझाव पर सीएम साहब ने दिलचस्पी दिखाई है। हामी भी भर दी है। प्रदेश के किसानों की आर्थिकी सुधार व चाय बागानों को पर्यटन से जोड़ने को मुख्यमंत्री गंभीर हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ व चंपावत के बाद जल्द ही नैनीताल जिले के रातीघाट क्षेत्र से लगे सिल्टोना व घुना गांव को भी विकसित किया जाएगा।

– गोविंद सिंह पिलखवाल, उपाध्यक्ष उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड’

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