देहरादून: उत्तराखंड के युवाओं, प्रवासियों और किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का शासनादेश जारी कर दिया गया है. जारी किए गए शासनादेश के अनुसार उत्तराखंड के 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत 25 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट आवंटित किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना प्रदेशभर में लागू होने का आदेश सचिव राधिका झा ने जारी कर दिया है. इस योजना के तहत 25 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाए जा सकेंगे. इस योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति को उत्तराखंड राज्य का निवासी होना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही वह अपनी निजी भूमि या फिर लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट लगा सकेगा. इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए व्यक्तियों को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा. हालांकि फिलहाल उत्तराखंड सरकार ने इस योजना के तहत 10,000 लोगों को लाभ देने का लक्ष्य रखा है.
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत लाभार्थियों को 25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र दिए जाएंगे. 25 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट को लगाने के लिए डेढ़ से दो नाली यानी 300 वर्ग मीटर भूमि की आवश्यकता होगी. इस क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाए जाने पर करीब 10 लाख का खर्च आएगा. इसके साथ ही हर साल में करीब 38 हजार यूनिट विद्युत का उत्पादन हो सकेगा और इस विद्युत उत्पादन को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों पर उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड 25 साल तक खरीदेगा.
योजना के तहत उत्तराखंड राज्य एवं जिला सहकारी बैंकों द्वारा चयनित लाभार्थियों को अनुमान्यता के आधार पर 8% ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं, योजना में सोलर पावर प्लांट लगाने में आने वाली कुल लागत का 70 प्रतिशत अंश का ही लाभार्थी लोन ले सकेगा. यह लोन 15 साल के लिए होगा.