उत्तराखंड के नामी स्कूलों में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए सीटें होंगी आरक्षित

देहरादून: उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों के लिए पुलिस मुख्यालय एक बड़ा काम करने जा रहा है. प्रस्ताव के तहत राज्य के नामी स्कूलों में पुलिसकर्मियों के बच्चों को एडमिशन दिलाने के लिए सीटें आरक्षित किए जाने के प्रयास चल रहे हैं. स्मार्ट पुलिस कांसेप्ट के तहत राज्य पुलिस को बेहतर सुविधा देने की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

उत्तराखंड के नामी स्कूलों में अब पुलिसकर्मियों के बच्चों को एडमिशन दिलाना आसान हो जाएगा. पुलिस मुख्यालय की तरफ से किए जा रहे प्रयास के तहत अब राज्य के नामी स्कूलों में पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए सीटें आरक्षित किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए निजी स्कूलों के प्रबंधकों से भी पुलिस मुख्यालय के स्तर से बातचीत की जा रही है. यही नहीं प्रदेश में पुलिस विभाग द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों को भी हाईटेक किए जाने की कोशिशें की जाएंगी. इसके लिए न केवल शैक्षणिक लिहाज से हाईटेक सुविधाओं को इन स्कूलों में जुटाया जाएगा, बल्कि नामी निजी स्कूलों की भी मदद ले कर पुलिस विभाग के स्कूलों को भी बेहतर किया जाएगा.

जानकारी के अनुसार देहरादून और हरिद्वार में पुलिस विभाग के स्कूल संचालित किए जाते हैं. जिसमें पुलिसकर्मियों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं, हालांकि, इन स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता बहुत अच्छी न होने के कारण अक्सर इन विद्यालयों की हालत को सुधारने की भी मांग की जाती रही है. ऐसे में पुलिस महानिदेशक की कुर्सी पर बैठने के बाद अशोक कुमार पुलिसकर्मियों के बच्चों से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषय पर शासन की सैद्धांतिक मंजूरी पाने की कोशिश कर रहे हैं.

पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता नीलेश भरने ने कहा कि प्रदेश में पुलिस के स्कूल हकीकत में उतने मॉर्डन नहीं है जितने मौजूदा समय मे इनके होने की जरूरत है. इसीलिए जाने माने शिक्षाविदों को मदद से इन स्कूलों को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है. राज्य के निजी नामी स्कूलों में पुलिस कर्मियों के बच्चों के लिए सीटें आरक्षित करने से लेकर पुलिस के मॉर्डन स्कूल को और मॉर्डन किए जाने से जुड़े विषय शासन के अधिकारियों के समक्ष भी चर्चा में आ चुके हैं और जानकारी के अनुसार काफी हद तक इन विषयों पर सहमति भी बनाई जा चुकी है. यही कारण है कि आप राज्य के निजी नामी स्कूलों से बातचीत कर पुलिस मुख्यालय के स्तर पर राज्य के पुलिसकर्मियों को यह सौगात देने की कोशिश शुरू कर दी गई है.

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