चकराता । सीमांत त्यूणी तहसील क्षेत्र अंतर्गत बास्तील गांव के खेड़ा बेईधार में तीन बागवानों के सेब बगीचे जलकर खाक हो गए। आग की चपेट में आने से बागवानों के करीब दो सौ फलदार पेड़ जल गए। प्रभावित बागवानों को हजारों का नुकसान हुआ है। बगीचे में आग लेने से ग्रामीणों की छह से आठ साल की मेहनत बेकार चली गई। प्रभावित बागवानों ने उचित मुआवजे की मांग की है।
बावर खत से जुड़े खेड़ा बेईधार में बास्तील निवासी हरिशचंद्र राणा, साहब सिंह व भदरु समेत कुछ अन्य ग्रामीणों के सेब के बगीचे हैं। गुरुवार को इनके बगीचे के पास घास के टीले में लगी आग चारों तरफ फैल गई। कुछ ही देर में आग ने सेब बगीचों को अपने आगोश में ले लिया। बगीचों में फैली आग विकराल होने से स्थानीय बागवान हरिशचंद्र राणा, साहब सिंह व भदरु के सेब के बगीचे में खड़े करीब दो सौ फलदार पेड़ जलकर खाक हो गए। इस दौरान ग्रामीण काफी संख्या में आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंचे।
घंटों की कड़ी मेहनत से ग्रामीणों ने किसी तरह आग पर काबू पाने का प्रयास किया। इसके चलते अन्य सेब के बगीचे आग की चपेट में आने से बचाए गए। प्रभावित बागवानों की पांच से आठ साल की मेहनत बेकार चली गई। प्रभावित ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। वहीं, तहसीलदार पूरण सिंह तोमर ने संबंधित राजस्व उपनिरीक्षक को घटनास्थल का मौका मुआयना कर क्षति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
