टिहरी (नेटवर्क 10 संवाददाता) : कोरोना वायरस का असर सिर्फ इंसानों के स्वास्थ्य पर ही नहीं पड़ रहा, बल्कि दुनिया भर में रोजगार के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण रोजगार को एक बड़ा झटका लगा है. लेकिन इस बीच भी ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह के जरिये कुछ लोग नजीर पेश कर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. जिससे लोगों को भबिष्य में अच्छी आय की उम्मीद है. विकासखण्ड थौलधार के वैष्णव स्वयं सहायता समूह तिखोन और दुर्गा स्वयं सहायता समूह कोटी डोभालों ने एनआरएलएम के तहत चार माह पहले कड़कनाथ पोल्ट्री फार्म की शुरुआत की थी. मुर्गी पालन के इस प्रोजेक्ट में अब तक चार माह में करीब 1लाख 20 हजार रूपये मुर्गियों की खरीद सहित खर्च हो चुके हैं.
ब्लॉक मिशन प्रबंधक एनआरएलएम थौलधार रहमत हुसैन ने बताया कि दुर्गा स्वयं सहायता समूह कोटी डोभालों ने 1400 और बैष्णव सहायता समूह तिखोन ने 600 कड़कनाथ मुर्गों की प्रजाति को खरीदा था. मुर्गी पालन के इस प्रोजेक्ट में अब तक चार माह में करीब 1 लाख 20 हजार रूपए मुर्गियों की खरीद सहित खर्च हो चुके हैं. इसी में अगर लाभ का आकलन किया जाए तो वर्तमान में आमदनी करीब चार लाख है. वहीं, अभी एक सप्ताह से कम समय में करीब 12 हजार तक की मुर्गियां और अंडे बिक चुके हैं. बाजार मे कड़कनाथ मुर्गी का अंडा 45 से 50 रूपये और एक मुर्गा हजार रूपये तक बिक रहा है.
उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते जो लोग अपनी नौकरी छोड़कर गांव लौट चुके हैं वो भी अगर इसके तहत स्वरोजगार करना चाहते हैं तो उन्हें एनआरएलएम की तरफ से पूरा सहयोग किया जाएगा. इस तरह के स्वरोजगार से उन्हें अच्छी आमदनी हो सकती है. विकासखण्ड थौलधार के अंतर्गत एनएलआरएम की सहायता से काम कर रहे दो स्वयं सहायता समूह के द्वारा कड़कनाथ मुर्गी पालन का व्यवसाय कर स्वरोजगार की दिशा में अच्छी पहल की है.