देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। उत्तराखंड के विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शुक्रवार को अहम बैठक की। यह बैठक उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की। बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के अलावा विद्यालयी शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सभी जिलों के जिलाधिकारी और शिक्षा अधिकारी मौजूद रहे।
यह दिए गए आदेश
बैठक में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि कोरोना काल में सबसे पहली प्राथमिकता आम आदमी को राहत देने की है। इसी कड़ी में स्कूलों को भी आदेशित किया जा रहा है। अरविंद पांडे ने आदेश दिया कि स्कूल सिर्फ अभिभावकों से बच्चों की ट्यूशन फीस लें। ट्यूशन फीस के अलावा कोई भी शुल्क अभिभावकों से न लिया जाए। बाकी शुल्क स्कूल खुलने के बाद लिया जाए वह भी किश्तों में। एकसाथ कोई पैसा देने की हालत में नहीं है। पांडे ने ये भी कहा कि जो अभिभावक सक्षम हैं वो फीस दे सकते हैं। बाकी अभिभावक स्कूल खुलने के बाद ही किश्तों में शुल्क जमा करेंगे।
कड़ी कार्रवाई का दिया आदेश
बैठक में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने आदेश दिया कि जो भी स्कूल संचालक आदेशों की अवहेलना कर जबरन फीस की मांग करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पांडे ने कहा कि ऐसी भी शिकायतें आ रही हैं कि स्कूल लॉकडाउन के बावजूद अभिभावकों से ट्रांसपोर्ट शुल्क मांग रहे हैं। ये कतई गलत है और अगर ऐसी शिकायतें आगे मिलीं तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा। पांडे ने स्कूल की मान्यता रद्द करने तक की चेतावनी दी है।