अल्मोड़ा: ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब का धंधा लंबे समय से फल फूल रहा है. शराब के कारण घरेलू हिंसा, महिलाओं से मारपीट की घटनाएं आए दिन होते रहती हैं. जिले के धौलादेवी विकासखंड के नाकोट ग्रामसभा के युवा प्रवासी जब इन दिनों महामारी के दौर में अपने गांव पहुंचे तो उन्होंने देखा कि गांव की दुकानों में खुलेआम अवैध रूप से शराब बिक रही है. जिस कारण शराब पीकर दिन रात गांव में हंगामा हो रहा है. शराबियों के इसी आतंक से निजात दिलाने के लिए उन्होंने गांव में अवैध शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मुहिम शुरू की है.
प्रवासी युवाओं के इस अभियान को अब धीरे- धीरे अन्य ग्रामीण पुरुषों व महिलाओं का बढ़चढ़ कर सहयोग मिल रहा है. जम्मू से नौकरी छोड़ अपने गांव नाकोट पहुंचे राजेश रावल का कहना है जब वह अपने गांव पहुंचे तो यहां उन्होंने देखा कि गांव में अवैध रूप से शराब बिक रही है. जिससे गांव का माहौल खराब बना हुआ है. शराब पीकर घरों में मार पीट हो रही है. बच्चों की पढ़ाई में इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है. इसी को देखते हुए बाहर से घर लौटे युवाओं ने शराब बंदी की मुहिम शुरू की है.
वहीं कोलकाता से घर लौटे प्रवासी युवा पंकज गोस्वामी का कहना है कि उन्होंने गांव के इस खराब होते माहौल को सुधारने के लिए शराब बंदी का अभियान चलाया है. जिसके तहत अवैध शराब के कारोबारियों को एक हफ्ते की चेतावनी दी गयी है. अगर वह इस कारोबार को बंद नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए वह उग्र प्रदर्शन को बाध्य होंगे. युवाओं के इस अभियान को ग्रामीणों का काफी सहयोग मिल रहा है. खासतौर पर गांव की महिलाएं उनको इस मुहिम में उनका सहयोग कर रही हैं. ग्रामीण महिला हीरा देवी का कहना है गांव में घर-घर में अवैध शराब बिक रही है, जिससे घर में मारपीट हो रही है और अशांति पैदा हो रही है.