पिथौरागढ़ (नेटवर्क 10 संवाददाता)। लगन और मेहनत से इंसान आखिर क्या नहीं कर सकता। आजकल उत्तराखंड में स्वरोजगार की बयार चल रही है। घर बैठे रोजगार की इच्छा लोगों के मन में लगन भी पैदा कर रही है और वे मेहनत भी कर रहे हैं। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं पिथौरागढ़ की थल तहसील के एक गांव के गरीब किसान के बारे में । ये किसान का बेटा गरीबी के कारण अपनी पढ़ाई तक पूरा नहीं कर सका और आखिर रोजगार की तलाश में मैदानों में चला गया। लेकिन आखिर वो लौट आया और उसने गांव में ही स्वरोजगार की ठानी। आज वो अपनी बंजर पड़ी जमीन को आबाद कर हरा सोना उगा रहा है।
ये कहानी है थल तहसील के तोपड़ाधार गांव के किसान श्याम सिंह की। श्याम सिंह एक युवा किसान हैं और आज पूरे इलाके में युवाओं के लिए मिसाल बने हुए हैं। श्यामसिंह बेहद गरीब घर से ताल्लुक रखते हैं। वे नौकरी के लिए पहले रुद्रपुर गए और बाद में देहरादून। दोनों जगह उन्होंने प्राइवेट फैक्टरियों में काम किया। मेहनत ज्यादा और सिर्फ दो जून की ही रोटी कमा पाते थे। श्याम सिंह ने ठाना कि पहाड़ लौट जाता हूं और वहीं स्वरोजगार करूंगा।
अपने गांव लौटकर श्याम सिंह ने अपनी बंजर जमीन को आबाद करने की ठानी। उन्होंने जंगल के बीच तीस साल से बंजर पड़ी जमीन को आबाद करना शुरू किया। यहां उन्होंने सब्जी उत्पादन शुरू किया। उनकी मेहनत को देखकर कृषि विभाग ने उनको पॉलीहाउस दे दिया साथ ही बीज भी मुहैया कराए। आज श्यामसिंह ने इस बंजर जमीन को आबाद कर यहां हरा सोना उगा दिया है।
श्याम सिंह बताते हैं कि वे साल में करीब ढाई लाख से ज्यादा की सब्जी स्थानीय बाजारों में बेचते हैं। अपने काम के साथ साथ उन्होंने स्थानीय लोगों को भी रोजगार दे रखा है।
श्याम सिंह सिर्फ हाईस्कूल पास हैं। वे बताते हैं कि शुरूआत में उन्होंने दो नाली जमीन को आबाद किया लेकिन बाद में सफलता को देखते हुए आठ नाली जमीन में सब्जी का उत्पादन शुरू कर दिया। उनके खेतों में बेंगन, खीरा, लौकी, हरी सब्जियां, करेला, भिंडी आदि का उत्पादन होता है। पिथौरागढ़ और थल बजार में उनकी सब्जियां हाथों हाथ बिक जाती हैं।