चमोली (नेटवर्क 10 संवाददाता)। चमोली के पोखरी इलाके में बरसात के दिनों में भी पीने के पानी का भारी संकट खड़ा हो रखा है। दरअसल यहां भूस्खलन से पेयजल पुनर्गठन योजना टूट गई है और हालात ये हैं कि लोगों को 4 किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। बताया गया है कि अभी एक हफ्ते और यही समस्या बरकरार रहेगी।
पोखरी नगर पंचायत मुख्यालय में पिछले एक हफ्ते से पीने का पानी नहीं मिल रहा है। यहां की पेयजल लाइन टूट गई है। जिसे अब तक ठीक नहीं किया गया है। बताया गया है कि पोखरी पेयजल पुनर्गठन की लाइन कलसीर डाडों के समीप भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। वहीं विभाग के कर्मचारियों की ओर से लाइन को दुरुस्त किया जा रहा है। लेकिन, अभी भी क्षतिग्रस्त लाइन की मरम्मत में एक सप्ताह का समय लग सकता है। पिछले पांच दिन से पोखरी व देवस्थान की जनता व कर्मचारियों की ओर से चार किलोमीटर दूर ग्राम खन्नी, जयडुंग्रा व मयाणी के प्राकृतिक स्रोतों से पानी ढोया जा रहा है।
आपको बता दें कि पोखरी क्षेत्र की जनता के लिए करोड़़ों रुपये खर्च कर पोखरी पेयजल पुनर्गठन योजना का निर्माण किया गया है, लेकिन बार-बार कलसीर, डाडों क्षेत्र में ही लाइन टूटती है। जिसकी मरम्मत करने में विभाग को कई दिन लग जाते हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी पंत ने कहा कि पोखरी पेयजल पुनर्गठन की सप्लाई में अभी बहुत खामियां रह गई हैं। प्रतिदिन उपभोक्ताओं को समय से पानी की आपूर्ति नहीं होती है। विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही से किसी-किसी लाइन में पूरे सप्ताह पानी सप्लाई नहीं होती है। वहीं कई लाइनों पर रात-दिन पानी चलता रहता है। जल संस्थान के अवर अभियंता योगेंद्र ढौंडियाल का कहना है कि क्षतिग्रस्त लाइन की मरम्मत का कार्य तेज किया गया है। बताया कि लाइन बड़े हिस्से में क्षतिग्रस्त हुई है, इसलिए समय लग रहा है।
