देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। प्रदेश में कोविड-19 के एक्टीव केस 17 ही रह गए हैं। आज 06 कोरोना संक्रमित व्यक्ति ठीक हो गए हैं। राज्य में कोरोना के मामले, दोगुना होने की दर में लगातार सुधार हो रहा है। अब यह दर बढ़कर 96 दिन हो गई है। मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने मीडिया ब्रीफिंग करते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राज्य में कोविड-19 में रिकवरी रेट 74 प्रतिशत है। प्रदेश में एक समय कंटेनमेंट जोन 21 हो गए थे जो कि अब घटकर 07 रह गए हैं। इनमें 5 देहरादून, 01 हरिद्वार और 01 ऊधमसिंहनगर में हैं। इस प्रकार राज्य में कोविड-19 को नियंत्रित करने के प्रयास सफल हो रहे हैं।
आज 18156 प्रवासियों को वापस लाया गया
दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड आने के लिए 1,75,880 प्रवासियों ने पंजीकरण कराया है। इनमें से 18156 लोगों को लाया जा चुका है। उत्तराखण्ड में फंस गए दूसरे राज्यों के 20 हजार लोगों ने वापस अपने राज्य जाने के लिए पंजीकरण कराया है, इनमें से 4780 को भेज दिया गया है। 03 दिनों में गुड़गांव से 8700 लोगों को लाने के प्लान पर काम किया जा रहा है। अहमदाबाद, सूरत, पुणे के साथ ही केरल से भी प्रवासी लोगों को लाने के लिए ट्रेन के बारे में रेल मंत्रालय और संबंधित राज्य सरकारों से बात हुई है। कंट्रोल रूम के काॅल सेंटर में 45 हजार से अधिक काॅल रिसीव की गई हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि जो प्रवासी उत्तराखण्ड लौट कर आ रहे हैं, राज्य सरकार को उनके रोजगार की भी चिंता है। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को मंजूरी दी गई है। इसमें निर्माण और सेवा क्षेत्र में अपना काम करने के लिए ऋण व अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार और भी अनेक योजनाओं पर विचार किया जा रहा है।
4747 उद्योगों को संचालन की अनुमति
मुख्य सचिव ने बताया कि 4747 उद्योगों को संचालन के लिए अनुमति दी गई है। इनमें 1 लाख 75 हजार श्रमिकों का नियोजन होगा। इनमें से बहुत सी इकाइयों ने काम शुरू कर दिया है।
ग्रामीण अंचलों में स्वयं सहायता समूहों विशेष तौर पर महिला स्वयं सहायता समूहों ने विषम परिस्थितियों में भी उल्लेखनीय काम किया गया है। 3580 स्वयं सहायता समूहों जिनके 12 हजार से अधिक सदस्य हैं, द्वारा 11 लाख मास्क तैयार कर संस्थाओं को उपलब्ध कराए गए हैं। कोविड-19 में जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने में बहुत से स्वयं सहायता समूह सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं। बहुत से स्वयं सहायता समूह, आर्थिक गतिविधियां कर रहे हैं। ऊधमसिंहनगर जिले के पहानिया में 600 से अधिक महिलाएं मूंज घास से हस्तशिल्प में काम कर रही हैं। इससे जाहिर होता है कि हमारे ग्रामीण अंचल ऊर्जा से परिपूर्ण हैं।