उत्तराखंडी प्रवासियों को ला रहे हैं, धैर्य तो सबको बनाये रखना होगा…

देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। भाजपा उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि राज्य सरकार सभी पंजीकृत प्रवासियों को वापस ला रही है परंतु इस कार्य में धैर्य रखने की भी ज़रूरत है । उन्होंने सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री के निधन की झूठी ख़बर चलाए जाने की निंदा करते हुए कड़ी कार्यवाही की माँग की और कहा कि सोशल मीडिया का ज़िम्मेदारीपूर्ण उपयोग हो।

आज यहाँ एक बयान में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र भसीन ने कहा कि कोरोना के चलते उत्तराखंड सरकार उन सभी प्रवासियों जिन्होंने वापसी हेतु पंजीकरण कराया है को वापिस ला रही है । लेकिन कोरोना को देखते हुए इस काम में लगने वाले समय को ध्यान में रखते हुए धैर्य की ज़रूरत होगी।उत्तराखंड लौटने हेतु जहां कुल पंजीकरण क़रीब 1.65 लाख है वहीं ये लोग देश के विभिन्न प्रांतों में अलग अलग स्थानों पर अलग अलग परिस्थितियों में रह रहे हैं ।

चूँकि प्रवासियों की वापसी में दूसरे राज्यों की सहमति ज़रूरी है इसलिए उत्तराखंड सरकार द्वारा विभिन्न राज्य सरकारों से सम्पर्क किया जा रहा है जिससे प्रवासियों की तेज़ी से वापसी हो । इसके चलते विगत दिवस ही तीन राज्यों से करीबी 6000 लोग उत्तराखंड लौटे।इसके अलावा वापसी में सोशल डिस्टेंसिंग व कोरोना से बचाव के अन्य प्रबंध भी करने होते हैं और वापसी पर उनकी मेडिकल जाँच , वापस आए लोगों को क्वारेंटिन किया जाना है इसलिए सरकार बड़े स्तर पर बनाई गई रणनीति पर काम कर रही है। लेकिन इसमें सभी का सहयोग ज़रूरी है।

दूसरी ओर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के निधन की ख़बर चलाए जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि इस कार्य की जितनी निंदा की जाए वह कम है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए ।साथ ही हम सब को यह विचार भी करना चाहिए कि इस प्रकार के कार्यों से कुछ लोग सोशल मीडिया को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं ।उन्हें हम अलग थलग करें ।

डॉ भसीन ने कहा कि हमें सोशल मीडिया का ज़िम्मेदारी से उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि दो दिन पूर्व ट्वीटर पर देहरादून पुलिस के ख़िलाफ़ शिकायत पोस्ट की जिसे उन्हें भी टेग किया गया। जब मुख्यमंत्री कार्यालय से डी आई जी स्तर से जाँच कराई गई तो शिकायत शरारत पूर्ण पाई गई। इस पर भी क़ानूनी कार्यवाही होने की उन्हें जानकारी मिली है।लेकिन यह भी ग़ैरज़िम्मेदारी का कार्य है जो क़ानून विरुद्ध है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया को अधिकाधिक ज़िम्मेदार व विश्वसनीय बनाना हम सब का उत्तरदायित्व है।इस लिए हमें अपनी ज़िम्मेदारी निभानी होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *