उत्तराखंड:अब देहरादून में भी चलेगी Neo Metro, जानिए रूट और स्टेशन

देहरादून: राज्य में लोगों की सुविधा के लिए तमाम प्रोजेक्ट चल रहे हैं। प्रदेश सरकार ने देहरादून में (नियो मेट्रो) Neo Metro चलाने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए central government के पास भेज दिया है। अब केंद्र की अंतिम मंजूरी के बाद करीब 5 साल बाद देहरादून  के इस project पर काम शुरू होने की उम्मीद जगी है। प्रदेश सरकार लंबे समय से देहरादून में मेट्रो चलाने के लिए प्रयास कर रही है।

इसके लिए 2016 में metro corporation का गठन करते हुए शीर्ष स्तर के अधिकारियों की तैनाती हो चुकी है। अब कई दौर के मंथन और डीपीआर पर विचार करने के बाद प्रदेश सरकार ने आखिरकार Neo metro के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। आवास विभाग के इस प्रस्ताव को पिछले माह विचलन से मंजूर करते हुए अंतिम मंजूरी के लिए central government के पास भेज दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार प्रदेश सरकार प्रथम चरण में central government के साथ 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ देहरादून  के दो रूटों पर Neo metro चलाना चाहती है। दूसरे चरण में देहरादून  को metro के जरिए हरिद्वार-ऋषिकेश से जोड़ा जाएगा। इस पूरे project पर 1600 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है, राज्य सरकार इसके लिए loan लेगी। आपको बता दे कि central government से मंजूरी मिलने के बाद, सरकार जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही करेगी।

जानिए रूट और स्टेशन…
1 FRI से Raipur (13.9 किमी)
Station : FRI, आईएमए ब्लड बैंक, दून स्कूल, कनॉट प्लेस, घंटाघर, गांधी पार्क, सीएमआई, आराघर, नेहरू कॉलोनी, अपर बद्रीश कॉलोनी, अपर नत्थनपुर, ओएफडी, हाथीखाना, रायपुर

2 ISBT से Gandhi park (दूरी 8.5 किमी)
Station : आईएसबीटी, सेवलाकला, आईटीआई, लालपुल, चमनपुरी, पथरीबाग, रेलवे स्टेशन, कोर्ट

Route में फिर किया गया बदलाव…
पहले ISBT route के track को जाखन तक ले जाने का plan था। लेकिन rajpur road पर जमीन अधिग्रहण में ज्यादा दिक्कतों के चलते प्रथम चरण में इस route को गांधी पार्क तक सीमित किया गया है। गांधी पार्क में यह track FRI-रायपुर रोड ट्रैक में मिल जाएगा। नियो metro की लागत मूल metro के मुकाबले करीब एक हजार करोड़ रुपये कम आ रही है। केंद्र सरकार भी छोटे शहरों में नियो metro बनाने पर ही जोर दे रही है।

आपको बता दे की Central government की नियो metro policy के तहत ही उक्त प्रस्ताव भेजा गया है। केंद्र से मंजूरी के बाद हमें लोन लेने का इंतजाम करना होगा। इसके बाद प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो पाएगा। तेजी से बढ़ते शहर की जरूरत को देखते हुए हमें आधुनिक transport माध्यम की सख्त जरूरत है।

 

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