नमामि गंगे का कार्यालय उत्तरकाशी से हुआ खटीमा हस्तांतरण, कार्यों पर पड़ेगा असर

उत्तरकाशी: साल 1997 से कार्यरत पेयजल निगम के तहत उत्तरकाशी में निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) डिवीजन को समाप्त कर अधिशासी अभियंता निर्माण शाखा उत्तराखंड पेयजल निगम खटीमा में हस्तांतरित कर दिया गया है. बदली गई इकाई के कार्य अब ऋषिकेश डिवीजन करेगी. हस्तांतरण के बाद जनपद के 60 फीसदी बचे हुए नमामि गंगे के कार्यों पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है.

इस डिवीजन में काम कर रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को शिफ्ट कर अधिशासी अभियंता निर्माण खंड पेयजल निगम खटीमा में जल जीवन जल मिशन योजना में ट्रांसफर कर दिया गया है. उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक के 19 अगस्त के आदेश के अनुसार ये कार्य किया गया है.

नमामि गंगे के तहत गंगा स्वच्छता सहित गंगोत्री धाम और उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ने के लिए पेयजल निगम के तहत निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) डिवीजन 1997 से उत्तरकाशी जनपद में कार्य कर रही थी. वर्ष 2012 के बाद यह नमामि गंगे योजनाओं के तहत डिवीजन कार्य कर रहा था.

उत्तरकाशी जनपद में वर्ष 2012 और 2013 की आपदा में सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बह गए थे. गंगोत्री धाम में भी लंबे समय से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की मांग थी. नमामि गंगे की परियोजनाओं के तहत गंगोत्री धाम में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया गया था. साथ ही उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में करीब 40 फीसदी कार्य ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और अन्य निर्माण कार्य हो पाए हैं.

गंगोत्री धाम में भी अभी भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के तहत अन्य कार्य प्रस्तावित हैं. ऐसे में इस इकाई के हस्तांतरित होने और ऋषिकेश डिवीजन से कार्य होने पर नमामि गंगे के कार्यों में जनपद में बड़ा असर देखने को मिल सकता है. उधर, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि जनपद में नमामि गंगे के निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए ऋषिकेश डिवीजन से जनपद में अधिकारी कर्मचारी तैनात करने की बात कही गई है.

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