पिथौरागढ़: गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान द्वारा हिमालय अध्ययन मिशन के तहत पिथौरागढ़ जिले की चौदास घाटी में बहुमूल्य औषधि पादपों की खेती की जा रही है. जिसमें चौदास घाटी के 11 गांव के लगभग 172 प्रगतिशील किसान जुटे हुए हैं. किसानों द्वारा संस्थान के सहयोग से यहां वन हल्दी, कुटकी, जम्बू, तेजपात, गद्रायणी इत्यादि की खेती की जा रही है. चौदास घाटी में बहुमूल्य औषधि की खेती से पर्यावरण संरक्षण और क्षेत्रिय विकास के साथ ही किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा.
जिसका मुख्य उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले औषधि पौधे का बीज किसानों को कृषि के लिए आवंटन करना है. डॉ. अमित बहुखंडी ने बताया कि वर्तमान समय में करोना महामारी के प्रकोप के चलते बहुत बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो चुके हैं, जो कि पहाड़ी क्षेत्रों में ही रोजगार की तलाश कर रहे हैं. अगर जन समुदाय बंजर भूमि को फिर से औषधि पादपों के उत्पादन में उपयोग में लाता है तो औषधि पौधों के संरक्षण के साथ ही क्षेत्रीय जन समुदाय की आजीविका में भी वृद्धि होगी.