चमोली (नेटवर्क 10 संवाददाता)। खबर में चस्पा जिस तस्वीर को आप देख रहे हैं ये उत्तराखंड के सीमावर्ती जिले चमोली के एक गांव की है। गांव का नाम है सुतोल। इस गांव ने कोरोना काल में अपने ही नियम कायदे बना रखे हैं। गांववालों ने खुद को अपने ही बनाए मानकों में बांध रखा है। जब देश में तीसरे फेज में 14 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया तब ही गांव के लोगों ने खुद यहां 21 दिन और लॉकडाउन बढ़ा दिया।
ये तब है जब चमोली जिला ग्रीन जोन में है और सरकार ने जिले में तमाम तरह की छूट दे रखी हैं, लेकिन सुतोल गांव की बात तो कुछ और ही है। आज इस गांव के चर्चे पूरे प्रदेश में हैं। अब तक ये खबर मीडिया में नहीं थी लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट्स में गांव के नियम कायदों की रिपोर्ट्स छप रही हैं। उत्तराखंड के एक बड़े दैनिक अखबार ने बताया है कि इस गांव की आबादी पांच सौ के करीब है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इस गांव में चौलाई, फाफर, आलू, राजमा आदि नकदी फसलों का बहुतायत में उत्पादन होता है। यहां ग्रामीण इन दिनों शारीरिक दूरी का पालन करते हुए खेती-किसानी में जुटे हैं। इन ग्रामीणों ने यह भी निश्चय किया कि वे महामारी के समूल नाश तक नियमों का कड़ाई से पालन करेंगे।
गांव वालों ने खुद ही 4 मई से यहां 21 दिन का लॉकडाउन घोषित कर दिया। जो नियम गांव वालों ने बनाया है उसके अनुसार गांव का कोई भी बाशिंदा लॉकडाउन के दौरान गांव की सीमा से बाहर नहीं जाएगा।
बाहर से आने वालों का स्वागत है, लेकिन दूरी बनाए रखना जरूरी
गांववालों ने गांव में बाहर से आने वालों पर प्रतिबंध तो नहीं लगाया है लेकिन उन्हें दूरी बनाए रखने की अनिवार्यता जरूर रखी है। फैसला किया गया है कि जो भी व्यक्ति बाहर से गांव में आएगा वो कम से कम 500 मीटर की दूरी बनाए रखेगा और उसे गांव के स्कूल में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। स्कूल में क्वारंटाइन किए जाने वाले लोगों के लिए ग्रामसभा ने भोजन और रहने की अच्छी व्यवस्था की है।