देहरादून (नेटवर्क 10 ब्यूरो)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के उपचुनाव लड़ने को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस पर प्रदेश में जमकर राजनीति भी हो रही है। लेकिन इस बीच चुनाव लड़ने को लेकर खुद तीरथ सिंह रावत ने जवाब दिया है। तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि वे कहां से चुनाव लडेंगे और कहा से नहीं, इस पर फैसला दिल्गाली लेगा। दिल्ली से जैसा आदेश होगा मैं वैसा ही करूंगा।
आपको बता दें कि विपक्ष विधानसभा कार्यकाल एक साल से कम शेष रहने पर उपचुनाव टालने के संवैधानिक प्रावधान पर जोर दे रहा है। राजनीति के जानकारों की मानें तो सीएम तीरथ अगर 10 सितंबर तक विधानसभा के सदस्य निर्वाचित होते हैं तो उनको अगले 14 दिन के भीतर लोकसभा से इस्तीफा देना होगा।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की मेंबर गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151(क) के तहत जिस राज्य में चुनाव होने में केवल एक साल से कम का समय बचा हो, वहां पर उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है। एक ओर जहां विपक्ष उपचुनाव टालने के संवैधानिक प्रावधान दलील दे रहा है, वहीं सीएम रावत के सामने विधानसभा सदस्य बने बिना छह माह मुख्यमंत्री बने रहने की चुनौती है, जबकि दोबार शपथ लेने का विकल्प भी शेष नहीं है। इस राजनीतिक रस्साकसी के बीच बुधवार को सीएम तीरथ सिंह रावत का बड़ा बयान सामने आया है। यह पूछे जाने पर कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे सीएम रावत ने कहा कि यह मैं तय नहीं करूंगा, पार्टी इस पर फैसला करेगी।
