सोबनसिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के निदेशक ने दिया इस्तीफा

अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के परिसर प्रशासन और छात्रों के बीच चल रहे गतिरोध के बीच अब परिसर निदेशक ने कुलपति को इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कार्य करने में असमर्थता जता दी है. जिसके बाद सांख्यिकीय विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रोफेसर नीरज तिवारी ने नये निदेशक का विधिवत पदभार ग्रहण कर लिया है.

गौरतलब है कि एसएसजे परिसर में छात्रसंघ शिलापट्ट से शुरू हुआ विवाद छात्रसंघ भवन में स्मैक के अड्डे के सुबूत मिलने तक पहुंचा. जिसको लेकर एबीवीपी और एनएसयूआई आमने-सामने आ गए. वहीं, परिसर प्रशासन पर भी दबाव बना हुआ था. जिसके बाद परिसर निदेशक प्रो जेएस बिष्ट ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कार्य करने में स्वास्थ्य का हवाला देते हुए असमर्थता जताई है.

प्रो. जेएस बिष्ट का कहना है कि वर्तमान में परिसर के हालात ठीक नहीं चल रहे हैं. उन्होंने संभालने की कोशिश की लेकिन हालातों पर काबू नहीं पा सके. उन्होंने बताया कि आज उन्होंने दूरभाष एवं पत्राचार के माध्यम से नये सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनएस भंडारी एवं नैनीताल कुलपति को इस्तीफा दे दिया है. सांख्यिकीय विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ प्रोफेसर नीरज तिवारी ने नये परिसर निदेशक का चार्ज संभाल लिया है. इससे पहले प्रो. आरएस पथनी ने भी छात्र नेता दीपक उप्रेती से विवाद के बाद इस्तीफा दे दिया था. बाद में उनके समर्थन में 40 प्राध्यापकों ने भी अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था.

बता दें कि, पिछले दिनों एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने एसएसजे परिसर के निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट को ज्ञापन सौंप छात्रसंघ कार्यकारिणी भंग करने की मांग उठाई थी. साथ ही उन्होंने शिलापट से छात्रसंघ पदाधिकारियों का नाम भी मिटाया था. जिसके बाद एनएसयूआई की शिकायत पर परिसर निदेशक ने छात्रसंघ भवन का निरीक्षण किया तो वहां स्मैक का सेवन करने में प्रयोग की जाने वाली सिल्वर फॉयल, दस का नोट समेत अन्य धूम्रपान से जुड़ी सामग्री मिली. जिसको देख विद्यार्थियों समेत कॉलेज प्रशासन भी हैरान हो गए. जिसके बाद बुधवार को भी मामला गरमाया रहा. सुबह एबीवीपी, एनएसयूआई के छात्रों ने परिसर पहुंचकर जमकर बवाल किया. दोनों के बीच काफी देर तक नोकझोंक भी हुई. एबीवीपी ने छात्रसंघ पदाधिकारियों की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए कॉलेज प्रशासन और निदेशक प्रो. जेएस बिष्ट के खिलाफ नारेबाजी की.

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