हिमनगरी मुनस्यारी के शिखर फिर हुए बर्फ से लकदक, खलिया टॉप में तीन फिट तक पड़ी बर्फ

मुनस्यारी (नेटवर्क 10 संवाददाता)। अक्सर हर साल मई महीने में उच्च हिमालयी क्षेत्रों की बर्फ पिघलती रहती है और बुग्याल हरे भरे हो जाते हैं। लेकिन इस बार तो जैसे मौसम ने चक्र ही बदल दिया है। इस महीने भी उच्च हिमालयी इलाकों में बर्फ पड़ रही है। जो तस्वीर आप देख रहे हैं ये मुनस्यारी के टॉप शिखर खलिया टॉप की है।

खलिया टॉप में दो दिन पहले ही बर्फ पड़ी है और ये शिखर बर्फ से लकदक नजर आ रहा है। ऐसा पहली बार दिख रहा है जब मध्य हिमालय की चोटियां बर्फ से लकदक हो रखी हैं। नागलीधूरा, राजरंभा, सिदमधार व छिपलाकेदार में भारी हिमपात हुआ है। आपको बता दें कि इस साल मई मे भी फरवरी का अहसास हो रहा है। सीमांत में मौसम का मिजाज इस वर्ष नवंबर माह से ही खराब रहा है। दिसंबर से माह के बाद से अप्रैल माह तक लगातार एक सप्ताह धूप नहीं रही है।

इस साल हिमनगरी मुनस्यारी में 26 बार हिमपात हुआ। इस बार यहां रिकॉर्ड हिमपात हुआ। मई माह तक बीते वर्षो में उच्च हिमालय में लोगों की आवाजाही हो जाती थी, लेकिन इस बार ये ठप पड़ी है। उच्च हिमालय की तीन घाटियों गांवों में छह माह बाद जीवन लौट जाता था। इस बार मई माह तक उच्च हिमालय पहुंचने वाले मार्ग पर बर्फ ने डेरा डाला है और आए दिन बर्फबारी हो रही है। निचले इलाकों में जहां बारिश और ओले कहर बरपा रहे हैं वहीं उच्च मध्य हिमालय की चोटियों पर हिमपात हो रहा है। गुरु वार की रात्रि मुनस्यारी के शीर्ष में स्थित खलिया टॉप में हिमपात हुआ है।

खलिया टॉप के बुग्यालों में बीते सालों कभी कभार ही मई के महीने हल्की बर्फ पड़ती थी, लेकिन इस बार बीते बुधवार को यहां तीन फीट तक बर्फ पड़ी है। जानकारों का कहना है कि वर्षों पूर्व तक खलिया में मई माह तक बर्फबारी होती थी बीच के वर्षों में यह कम हो गई थी। स्थानीय निवासी कुंदन सिंह पांगती ने बताया कि वर्ष 2011 और 12 में भी मई माह के प्रथम सप्ताह में खलिया टॉप में हिमपात हुआ था। हंसलिंग, सिदमधार, नागलीधूरा, छिपलाकेदार में मई, जून माह में भी हिमपात होता है। आपको बता दें कि बुग्यालों में चरवाहे अपने जानवर चरने के लिए ले जा चुके हैं।

 

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