ऊधमसिंह नगर में बाजपुर और आसपास के करीब 35 गांवों की लीज की भूमि से संबंधित जिलाधिकारी के आदेश पर राजस्व परिषद ने रोक लगा दी है। परिषद ने लोगों के हकहकूकों को पहले की तरह रखने का आदेश जारी करते हुए जिलाधिकारी से तीन माह में मामले को निपटाने को कहा है। हालांकि इस दौरान लोग इस जमीन को खरीद या बेच नहीं पाएंगे।
जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर ने 13 फरवरी 2020 को श्यामरूप भटनागर के मामले में आदेेश पारित कर सरकारी लीज पर मिली जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी थी। इस आदेश के बाद 35 गांवों के करीब आठ हजार परिवारों पर बेदखली का खतरा भी मंडराने लगा था।
इस आदेश से बाजपुर और आसपास के करीब 35 गांव प्रभावित हुए। यह मामला राजस्व परिषद में पहुंचा और इन लोगों की शिकायत थी कि 1907 से उन्हें कृषि के लिए यह जमीन लीज पर मिली थी। बाजपुर में 1033 एकड़ भूमि पर यह अधिकार उन्हें 1933 में दिया गया था।
राजस्व परिषद के अध्यक्ष एवं मुख्य सचिव ओम प्रकाश के स्तर से की गई सुनवाई में पाया गया कि जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर ने मामले में सुनवाई करते हुए प्रभावित पक्ष को नहीं सुना। इसी को आधार बनाते हुए राजस्व परिषद ने जिलाधिकारी के आदेश पर रोक लगाई और जिलाधिकारी को सार्वजनिक नोटिस जारी कर तीन माह में संबंधित मामलों का निपटारा करने को कहा। राजस्व परिषद ने यह भी कहा है कि तीन माह में भूमि पर बसे हुए लोग अपने हकहकूक, खेती बाड़ी और अन्य उपभोग का उपयोग कर पाएंगे, लेकिन जमीन की खरीद फरोख्त पर रोक रहेगी।
ऊधमसिंह नगर के बाजपुर और आसपास के गांवों के करीब आठ हजार परिवारों को राहत दी गई है। अब उन्हें वहां से बेदखल नहीं किया जाएगा। उनके पक्ष को अच्छी तरह से सुना जाएगा और उन्हें प्राप्त हकहकूक और खेतीबाड़ी के अधिकार पहले की तरह ही रहेंगे।
-त्रिवेंद्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड