नैनीताल (नेटवर्क 10 संवाददाता)। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि स्कूलों को फीस वसूली के लिए दबाव बनाने का कोई अधिकार नही है। लॉक डाउन तक स्कूल किसी भी हालत में अभिभावकों पर दबाव न बनाये। कोर्ट ने सरकार को भी निर्देश दिया है कि वो ऐसा करने वाले स्कूलों की नकेल कसे।
आपको बता दें कि कुंवर जपिन्द्र सिंह ने हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इसमें बताया गया था कि निजी स्कूल कोरोनाकाल के लॉक डाउन में भी अभिभावकों पर फीस जमा करने और अन्य मदों के खर्चे अदा करने का दबाव बना रहे हैं। इसी जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया।
इससे पहले सरकार ने सभी स्कूलों को आदेश दिया था कि वो फीस वसूली का दबाव अभिभावकों पर न बनाये लेकिन इसके बाद भी कई निजी स्कूल ऐसा कर रहे थे। स्कूली शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने साफ आदेशित किया था कि स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस लें व भी किश्तों में। ये भी कहा था कि जो अभिभावक सक्षम हैं वो फीस जमा करें ।
अदालत ने अब अपने आदेश में निजी स्कूलों की इस मनमानी पर रोक लगा दी है। निजी स्कूलों की फीस वसूली के लिए बनाई गई दबाव की नीति को गलत बताया हैं। फीस वसूली पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की पीठ ने की।