नितिन नहीं, डॉ नितिन उपाध्याय कहिए

सूचना विभाग के उपनिदेशक नितिन उपाध्याय ने सोशल मीडिया का लोक प्रशासन पर प्रभाव (Emergence of Social Media : Opportunities and Challenges for Public Administration  in India) विषय पर आधारित शोध कार्य (Phd थीसिस) की प्रति सोमवार को सचिवालय में सचिव सूचना डॉ. पंकज कुमार पांडे और महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चौहान को प्रस्तुत की। सचिव सूचना डॉ पंकज पांडे ने उपाध्याय को बधाई देते हुए कहा कि शोध कार्य में सोशल मीडिया और लोक प्रशासन से संबंधित जो निष्कर्ष आए हैं उनको शासन को भी प्रेषित किया जाए। डॉ पांडेय ने कहा कि सोशल मीडिया का विगत एक दशक में समाज के प्रत्येक क्षेत्र पर गहरा प्रभाव पड़ा है और लोक प्रशासन भी इससे अछूता नहीं रहा है। आज सरकार के कई विभागों को जनता तक अपना कार्य पहुँचाने के लिए सोशल मीडिया अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहा है।

डॉक्टर पांडेय ने कहा कि सोशल मीडिया को सरकारी तंत्र में प्रभावशाली तरीके से प्रयोग किया जाना समय की मांग है। सूचना महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान ने आशा व्यक्त की कि उपाध्याय द्वारा किया गया शोध कार्य विभागीय गतिविधियों और प्रचार प्रसार कार्य में सोशल मीडिया के समुचित उपयोग हेतु एक महत्वपूर्ण कार्य सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि सूचना विभाग द्वारा अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर उत्तराखंड सरकार हेतु एक समग्र सोशल मीडिया नीति बनाने पर विचार किया जाएगा। अपर निदेशक डॉ अनिल चंदोला ने उपाध्याय द्वारा किए गए शोध कार्य को विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया। उल्लेखनीय है कि उप निदेशक नितिन उपाध्याय को उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा मास कम्युनिकेशन विषय में शोध उपाधि प्रदान की गयी है। यह शोध कार्य डॉक्टर आर बी पांडे के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ है। इस शोध में उत्तराखंड राज्य सहित प्रमुख राज्यों में सरकारों द्वारा सोशल मीडिया का किस प्रकार उपयोग किया जा रहा है इसका अध्ययन किया गया है। इस शोध कार्य में सोशल मीडिया से संबंधित वर्तमान नियम कानूनों का भी अध्ययन किया गया है। इस शोध कार्य में सरकारी तंत्र में सोशल मीडिया के प्रयोग में आने वाली बाधाओं और चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला गया है।

 

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