मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उनसे पार्टी का कोई विधायक नाराज नहीं है। विधायकों और जनता का दिल्ली आना-जाना लगा रहता है। कोविड के कारण तो आना जाना बहुत कम हुआ है। उन्होंने विधायकों की नाराजगी की चर्चाओं को सिरे से खारिज किया। सीएम ने कहा, किसी विधायक ने कभी यह नहीं कहा कि हमको सीएम से कोई नाराजगी है।
उन्होंने कहा कि मेरा रिकार्ड है कि विधायक पक्ष का हो या विपक्ष का, उन्होंने मुझसे समय मांगा और उन्हें समय मिला। सुबह का समय शाम को हुआ होगा लेकिन कोई यह नहीं कह सकता कि मुख्यमंत्री उन्हें उपलब्ध नहीं हुए। मेरा राजनीति का लंबा अनुभव है। हमने कोशिश की कि मुख्यमंत्री सुलभ रहें। यदि कोई दूरस्थ क्षेत्र से मिलने आया है तो उसके पीछे जरूर कोई बात होगी। मैंने इसे हमेशा गंभीरता से लिया है।
मुख्यमंत्री ने वेतन कटौती को लेकर सरकारी कर्मचारियों के विरोध पर कहा कि उनकी यह सकारात्मक सोच हो सकती है कि उन्हें 29 दिन का वेतन मिल रहा है। एक दिन का वेतन यदि कोविड के लिए दे दें तो उसमें क्या बुराई है। कम से कम हमारी नौकरी तो पक्की है। उन्होंने कहा, सबका वेतन कट रहा है।
हमारे जितने भी कर्मचारी हैं, उनको यह भी सोचना चाहिए कि निजी क्षेत्र में लोगों की नौकरियां छूट गई हैं। उनके वेतन में 40 से 50 प्रतिशत तक कटौती हुई है। बहुत सारे लोगों को नौकरी से हटा दिया गया है। सरकार के सामने उनकी भी चिंता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसद, विधायक, दायित्वधारी सब कोविड फंड में अपना सहयोग दे रहे हैं। कई कर्मचारियों ने 15 दिन का वेतन एडवांस में दे दिया है।