धनौल्टीः हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर पर्यटन स्थल धनौल्टी और आसपास के गांवों को अब बागवानी के रूप में विकसित किया जाएगा. यहां पर सेब, कीवी, अखरोट के उन्नत किस्म के पौधे लगाए जाएंगे. इसके लिए काश्तकारों से पौधों के लिए आवेदन फार्म भरवाकर डिमांड लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. साथ ही काश्तकारों को सब्सिडी भी दी जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि इससे काश्तकारों की आर्थिकी मजबूत होगी और धनौल्टी को फल पट्टी के रूप में पहचान मिलेगी.
दरअसल, टिहरी डीएम मंगेश घिल्डियाल की पहल पर उद्यान विभाग की ओर से धनौल्टी समेत आसपास के गांवों को पर्यटन के साथ बागवानी के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है. इसके तहत काश्तकारों को क्लोनल रूट स्टॉक जैसी नवीन प्रजाति के सेब और हेवार्ड, अलीशन, ब्रेमो प्रजाति की कीवी व अखरोट के पौधे दिए जाएंगे. जिससे जल्द और अच्छी क्वालिटी के फलों की पैदावार होगी.
उद्यान सचल दल धनौल्टी के प्रभारी भरत सिह कठैत ने बताया कि धनौल्टी में वातावरण इन प्रजाति के फलों के लिए मुफीद और अनुकूल है. इसके लिए क्षेत्र में कलस्टर भी बनाए जा रहे है. काश्तकारों को घेरबाड़ के लिए 1 हेक्टेयर भूमि पर करीब डेढ़ लाख रुपये तक अनुदान राशि के रूप में दिया जाएगा. साथ ही 75% छूट के अनुदान पर नवीन प्रजाति के सेब ₹100 प्रति पेड़, किवी ₹75 प्रति पेड़ और अखरोट ₹50 प्रति पेड़ के हिसाब से काश्तकारों को दिया जाएगा.
कठैत के मुताबिक, पौधों की डिमांड के लिए हिमाचल प्रदेश से बात की जा चुकी है. दिसंबर या जनवरी तक धनौल्टी में पौधों को लगाने का कार्य शुरू किया जाएगा. जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की इस पहल को स्थानीय लोग काफी सराहना कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रकार के प्रयासों से आने वाले समय में पर्यटन व्यवसायियों के साथ काश्तकारों को बड़ा फायदा मिलेगा.