उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार महात्वाकांक्षी ऑल वेदर रोड की परियोजना पर काम कर रही है. केंद्र की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत चारधाम राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कराया जा रहा है. इस परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई के कारण पर्यावरण को हुए नुकसान को लेकर अब सर्वोच्च न्यायलय ने केंद्र सरकार को बड़ा निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि चारधाम राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण को लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से साल 2018 में जारी किए गए नोटिफिकेशन का अनुपालन किया जाए. सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को यह भी निर्देश दिया कि इस परियोजना के निर्माण के कारण पर्यावरण को जो क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई के लिए पौधरोपण कराया जाए.
गौरतलब है कि हर मौसम में चार पवित्र स्थलों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को सड़क मार्ग के रास्ते जोड़े रहने के लिए सरकार चारधाम राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करा रही है. इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद हर मौसम में चारधाम की यात्रा की जा सकेगी. इस परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाना है.
बता दें कि इस परियोजना के तहत अब तक 400 किलोमीटर लंबी सड़क के चौड़ीकरण का काम पूरा किया जा चुका है. एक अनुमान के मुताबिक अभी तक 25 हजार हरे पेड़ों की कटाई की जा चुकी है. चारधाम राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के लिए हरे पेड़ काटे जाने से पर्यावरणविद नाराज हैं.