देहरादून: वन भूमि पर दशकों से बसे हजारों परिवारों को वन विभाग ने बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि वन भूमि पर बने गोठ,खत्ते,वन ग्राम व टोंग्या गांवों में अतिक्रमण नहीं हटेगा। इनके लिए सरकार अलग से पालिसी बनाएगी। अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डॉ.पराग मधुकर धकाते ने भी डीएफओ व पार्क निदेशकों को गुरुवार को आदेश जारी किए। इस बीच तमाम अफवाहों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इस संबंध में वीडियो जारी कर अफवाहों को नजरअंदाज करने को कहा है।
किसी को भी परेशान करना हमारा उद्देश्य नहीं है लेकिन देवभूमि की इस पवित्र धरा पर किसी भी तरह का अतिक्रमण बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा। जहां भी इस तरह के कृत्य किए गए हैं उन पर कठोर कार्रवाई अवश्य की जाएगी। pic.twitter.com/ABl2dcELiW
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 26, 2023
गोठ, खत्तों,वनग्राम व टोंग्या गांवों में हजारों की आबादी बीते पचास साल से रह रही है। अतिक्रमण अभियान के तहत वन विभाग ने इन्हें भी नोटिस दिया है। अब सीसीएफ डॉ.धकाते की ओर से इनको नहीं हटाने के आदेश जारी किए गए। आदेश में कहा गया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर इनके लिए अलग पॉलिसी बनाई जानी है। पॉलिसी बनने तक उन्हें नहीं हटाया जाएगा। वहीं, धकाते ने बताया कि वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए लोगों को फर्जी नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने के नोटिस रेंज स्तर पर रेंजर या फॉरेस्टर की ओर से जारी होने की जानकारी मिली है। ये भारतीय वन अधिनियम 1927की धारा 41(क) व (ख) का उल्लंघन है। ये नोटिस डीएफओ या पार्क निदेशक जारी कर सकते हैं।