उत्तरकाशी: जनपद के गणेशपुर गांव में स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम की भागीरथी मिनरल वाटर इकाई एक बार फिर आबाद होने जा रही है. भागीरथी मिनरल वाटर इकाई करीब 20 सालों से बंद पड़ी हुई है. गढ़वाल मंडल विकास निगम ने हरियाणा (सोनीपत) की एक निजी कंपनी आरजी फूड प्रोडक्ट इंडस्ट्री लिमिटेड को यह प्लांट 15 साल के लिए लीज पर दिया गया है.
कंपनी के इंजीनियरों का दावा है कि भागीरथी नदी के औषधीय गुणों और जलीय तत्वों के साथ बनने वाले इस पानी को देश और विदेश में एक अलग पहचान दिलाई जाएगी. जहां प्लांट शुरू होने के बाद भारत में यह पानी भागीरथी नेचुरल वाटर के नाम से तो वहीं इसको विदेशों में थाऊ नाम से बेचा जाएगा. प्लांट के शुरू होने से एक बार फिर स्थानीय लोगों को रोजगार के एक नई उम्मीद जगी है. कंपनी के अधिशासी मुख्य अभियंता एसके वर्मा का दावा है कि देश और विदेश में भागीरथी का पानी पहुंचाया जाएगा, जिन विशेष गुणों के लिए भागीरथी नदी का जल जाना जाता है. यहां पर नेचुरल वाटर बनाने के लिए जर्मनी और जापान से मशीनें लाई जाएंगी. फिलहाल प्रथम स्टेज का बिल्डिंग वर्क शुरू हो चुका है.
उन्होंने कहा कि पानी की बोतल इस प्रकार तैयार की जाएगी कि प्रयोग करने के बाद कोई उसे कूड़े में नहीं फेंकेगा. बल्कि उसका प्रयोग ग्राहक हमेशा करेगा. बता दें कि राज्य गठन से पहले यूपी सरकार के कार्यकाल में गढ़वाल मंडल विकास के इस प्लांट में लकड़ी का कटान सहित फर्नीचर बनाने आदि का कार्य किया जाता था. साल 1991 के बाद पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को देखते हुए यह प्लांट बंद कर दिया गया था. हालांकि बाद में गढ़वाल मंडल विकास निगम इस प्लॉट को भागीरथी नदी मिनरल वाटर इकाई के नाम से शुरू किया था. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिला था, लेकिन 20 साल पहले यह प्लांट भी बंद हो गया था. हालांकि अब 20 सालों बाद दोबारा से इस प्लांट को शुरू किया जा रहा है. जिससे स्थानीय लोगों में एक नई उम्मीद जगी है.