ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की दिशा में राज्य सरकार प्रयासरत है. इसी कड़ी में अब वन विभाग कैंपा के तहत गैरसैंण के भराड़ीसैंण में प्राकृतिक वन को तैयार करने जा रहा है. जो कि भविष्य में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा. उत्तराखंड वन विभाग इन दिनों कैंपा के तहत महकमे में तमाम कार्यों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. वन विभाग ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में भी इसी फंड से एक बड़े और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को शुरू करना चाहता है. खास बात यह है कि गैरसैंण के लिए बनाये गए इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को मुख्य सचिव स्तर से भी हरी झंडी मिल चुकी है.
दरअसल, भराड़ीसैंण में वन विभाग प्राकृतिक वन को विकसित कर इसे टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना चाहता है. हालांकि इससे पहले भी सरकार इस क्षेत्र को हर लिहाज से विकसित करने में जुटी हुई है. इस नए प्रोजेक्ट के अनुसार कैंपा के जरिये यहां नेचर पार्क तैयार किया जाएगा, जो जैव विविधता के लिहाज से भी खास होगा. बताया गया है कि करीब 3 करोड़ से ज्यादा के बजट की व्यवस्था इसके लिए की गई है.
बता दें कि कैंपा के तहत दूसरे कई कामों को भी किया जा रहा है. इसमें वन क्षेत्र को बढ़ाने, वनाग्नि से बचाव और जंगली जानवरों से राहत समेत मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने जैसे काम शामिल हैं. बताया जा रहा है कि प्रदेश के दूसरे क्षेत्रों में भी नेचर पार्क बनाए जाने हैं. इसमें हल्द्वानी, ज़हरीखाल बुरांसखंडा और लच्छीवाला शामिल हैं.
जंगली जानवरों से फसलों के बचाव और मानव संघर्ष को रोकने के लिए भी कैंपा में काम हो रहा है. इसमें सुअर और हाथियों के शहरी क्षेत्रों में आगे से रोकने के लिए दीवारों का निर्माण शामिल है. इस योजना के तहत प्रदेश के 50-50 गांव में जंगली सुअर रोधी 2500 किलोमीटर लंबी दीवार भी बनाई जानी है, इसके लिए 20 करोड़ से ज्यादा की रकम का प्रावधान किया गया है.