सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज सभी राज्यों को कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों के लिए एंबुलेंस सेवा का उचित शुल्क तय करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश कोरोना संक्रमण के बीच स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रखने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने कोविड-19 मरीजों से ज्यादा एंबुलेंस शुल्क वसूले जाने की घटनाओं पर चिंता जाहिर की. अदालत ने कहा कि सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोनावायरस रोगियों को अस्पताल ले जाने के लिए हर जिले में पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस उपलब्ध हो.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महामारी से निपटने के लिए राज्यों को केंद्र द्वारा जारी सलाह को मानना होगा. पहले केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को कोविड-19 टेस्ट के लिए शुल्क तय करने के लिए कहा था हालांकि देश के प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कोविड टेस्ट के शुल्क को एक बराबर नहीं किया गया.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कोरोनावायरस संक्रमित रोगियों को राहत मिलने की उम्मीद है. क्यों कि अब तक मरीजों से एंबुलेंस अपनी मर्जी के हिसाब से शुल्क वसूल रही थीं. एसी कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिसके मुताबिक कोरोना संक्रमित रोगियों से थोड़ी दूरी बनाने के लिए हजारों रुपए वसूले जाते हैं.
हालही में पुणे में एक एसा ही मामला सामने आया था, जिसमें जिला प्रशासन ने एक एंबुलेंस सेवा प्रदाता के खिलाफ केस दर्ज किया था. आरोप था कि 25 जून को एक कोविड-19 मरीज से सात किलो मीटर की दूरी के लिए एंबुलेंस ने 8 हजार रुपए वसूले थे.