पौड़ी: जनपद पौड़ी के किसानों को अब मनरेगा की मदद से औषधीय और हर्बल पौधों की खेती से जोड़ा जाएगा. मुख्य विकास अधिकारी पौड़ी की ओर से दी गई जानकारी के तहत पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान के अनुकूल औषधीय और हर्बल पौधों की खेती की जा सकती है. मैदानी इलाकों में तापमान अधिक होने के चलते वहां पर इस तरह की खेती नहीं की जाती है और यह पहाड़ के लोगों के लिए एक फायदे के रूप में भी देखा जा रहा है.
गौर हो कि पहाड़ों में इसकी खेती कर पूरे उत्तराखंड में इसे बेचा जा सकता है और बाजार में लगातार बढ़ रही मांग के बाद किसानों को मनरेगा की मदद से इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. जिसकी उनकी आय को बढ़ाया जा सके. जो लोग अच्छी आमदनी के लिए शहरों की तरफ जाते हैं, उन्हें भी गांव में ही अच्छी आमदनी प्राप्त हो पाएगी. मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में पारंपरिक खेती के साथ-साथ अब औषधीय और हर्बल पौधों की खेती पर जोर दिया जा रहा है.
दरअसल, औषधीय खेती के लिए पहाड़ों का तापमान काफी अनुकूल है और बाजारों में बढ़ती मांग को देखते हुए मनरेगा की मदद से जल्द इसकी शुरुआत की जाएगी. ताकि किसान अपनी पारंपरिक खेती के साथ-साथ औषधीय खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा सके. रोजमेरी, इटेलियन रोजमेरी आदि हर्बल पौधों की खेती की जायेगी. इसकी मदद से मनुष्य के शरीर की रोधप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है, जिसे चाय के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है. इसके लिए बैठक में जनपद के सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है कि वह जल्द अपने अपने क्षेत्रों में इसकी शुरुआत करें.