शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने तबादलों को निरस्त में करने में पक्षपात और तबादला ऐक्ट के तहत गठित मुख्य सचिव समिति के स्तर से हुए तबादलों में मानकों के उल्लंघन की जांच बिठा दी। शिक्षा मंत्री ने निदेशक आरके कुंवर से तीन दिन के भीतर सभी मामलों की रिपोर्ट मांगी है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि यदि तबादलों में नियमों का उल्लंघन हुआ है तो दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही गलत तबादले निरस्त किए जाएंगे।
आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने 20 दिसंबर के अंक में प्रमुखता से यह मामला उठाया था। हाल में हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यमुक्त किए 12 शिक्षकों ने शिक्षा महानिदेशक और निदेशक को ज्ञापन देकर तबादलों में अनियमितताओं का मामला उठाया है। गोपेश्वर के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष संदीप रावत, जोशीमठ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रकाश रावत के नेतृत्व में मंगलवार सुबह कुछ शिक्षकों ने दून में शिक्षा मंत्री से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की।
शिक्षामंत्री को ज्ञापन देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव समिति से ऐसे लोगों के भी तबादले करा दिए गए हैं जो पात्र ही नहीं हैं। शादीशुदा होने के बावजूद तलाकशुदा श्रेणी का लाभ उठाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि परित्यकता का भी बिना प्रमाणपत्र के तबादला कर दिया गया। विस्थापित श्रेणी का लाभ उन शिक्षकों को दे दिया गया जिनकी थोड़ी बहुत भूमि ही विकास योजनाओं में अधिग्रहित हुई है।
सरकारी कर्मचारियों के साथ एलआईसी एजेंट, आईएमए, बीएचईएल और टीएचडीसी कर्मियों के पति-पत्नी के तबादले भी किए गए हैं। ज्ञापन में सभी के नाम सहित पूरा ब्योरा दिया गया है। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि यदि किसी भी स्तर पर अनियमितता हुई होगी तो उसकी जांच जरूर की जाएगी और कार्रवाई भी होगी।