पिथौरागढ़ के आपदा प्रभावितों ने DM से लगाई गुहार, बर्फबारी से पहले मुहैया कराया जाए सुरक्षित स्थान

पिथौरागढ़: मुनस्यारी तहसील के आपदा प्रभावितों ने पिथौरागढ़ मुख्यालय पहुंच कर DM से घर देने की गुहार लगाई है. दो महीने पहले आई आपदा के बाद धापा, मालूपानी, टांगा और मोरी के गांवों के सैकड़ों परिवार टेंट में रहने को मजबूर हैं. लेकिन अब दिक्कत ये है कि 15 सितंबर के बाद इन इलाकों में बर्फबारी होने की आशंका है. ऐसे में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए टेंट में रह पाना जरा भी संभव नहीं हो सकेगा.

दरअसल मुनस्यारी में आई आपदा में प्रभावित लोग बीते दो महीने से टेंट के नीचे रह रहे हैं. आपदा प्रभावितों ने प्रशासन से सुरक्षित स्थान मुहैया कराने की गुहार लगाई है. प्रभावितों ने 200 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ मुख्यालय पहुंचकर DM से सुरक्षित घर देने की मांग की है. प्रभावितों का कहना है सितंबर के महीने से मुनस्यारी में बर्फबारी शुरू हो जाएगी. ऐसे में तापमान माइनस में चले जाने से उन्हें टेंट के नीचे रहने में काफी मुश्किल होगी.

प्रभावितों का कहना है कि आपदा में क्षतिग्रस्त हुए मकानों के बदले उन्हें केवल एक लाख एक हजार 9 सौ रुपये का मुआवजा दिया गया है. इतने रुपयों में नया मकान बना पाना किसी भी तरह से संभव नहीं है. उनका कहना है कि मुनस्यारी तहसील में आई आपदा के बाद से सैकड़ों परिवार 2 महीने से टेंटों और सरकारी भवनों में रहने को मजबूर हैं. मगर इस महीने से शुरू होने वाली बर्फबारी से उनकी मुसीबतें बढ़ सकती हैं.

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