देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। क्या आपको बता है कि उत्तराखंड में कोरोना मरीजों की दवाओं पर तो कुछ ही रुपये खर्च हो रहे हैं लेकिन उनकी खातिरदारी भारी पड़ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित ज्यादातर मरीज की एक डोज दवाई महज 20 से 25 रुपये पड़ रही है लेकिन इन मरीजों की खातिरदारी काफी महंगी साबित हो रही है।
यहां मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने से लेकर उनकी देखभाल करने में भारी भरकम खर्च लग रहा है। मरीजों के नखरे सो अलग। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रोगी को अस्पताल में भर्ती करने पर उसे 15 तरह की व्यवस्थाएं करनी पड़ रही हैं। अस्पतालों को इन सुविधाओं पर दवाई से कहीं अधिक खर्च करना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि सामान्य मरीजों का इलाज बहुत सस्ती दवाओं से हो जा रहा है। राज्य में अब तक स्वस्थ्य हुए 79 मरीजों में से अधिकांश 10-12 दिन में ठीक हो गए। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के ज्यादातर मरीजों को एजिथ्रोमाइसिन, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, विटामिन और पैरासीटामोल नाम की दवाइयां दी जा रही हैं जो महंगी नहीं हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इन दवाइयोें की एक डोेज 20 से 25 रुपये की पड़ती है। ऐसे में कोई मरीज यदि दस दिन भी अस्पताल में भर्ती रहता है तो उसकी दवाई का खर्चा महज पांच सौ रुपये होता है।
दूसरी ओर अस्पताल में भर्ती होने पर कोरोना मरीज को बाल्टी, मग, तौलिया, पानी गरम करने की रॉड, साबुन, टूथपेस्ट, टूथब्रश, वॉटर बोतल, हैंडवाश,सेनेटाइजर, डिस्पोजल गिलास चम्मच, थर्मामीटर, टीशू आदि दिया जा रहा है। इन सारी चीजों पर इलाज से कई गुना ज्यादा खर्च हो रहा है।