देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। उत्तराखंड के लिए आज यानि शनिवार का दिन बेहद अहम है। एक तरफ बीजेपी प्रदेश में नया मुख्यमंत्री बनाने जा रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी नेता प्रतिपक्ष और अध्यक्ष पद को लेकर असमंजस खत्म कर सकती है। करीब हफ्तेभर के मंथन के बाद दोनों नामों पर कांग्रेस फैसला कर सकती है।
शुक्रवार को दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के साथ गुफ्तगू की। माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर कांग्रेस हाईकमान दोनों पक्षों में तालमेल के आधार पर फार्मूला तय कर सकता है।
नेता प्रतिपक्ष के रिक्त पदों को भरने की मुहिम बीती 26 जून को एकाएक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की मुहिम में तब्दील हो गई थी। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बदलाव की इस कवायद को प्रदेश के भीतर भी आश्चर्य के साथ देखा जाने लगा है। प्रदेश में चुनाव संचालन की कमान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को सौंपी जानी तकरीबन तय है। इसे ध्यान में रखकर ही रावत खेमे की ओर से प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी बदलाव की मांग पर जोर दिया गया। बाद में मामला तूल पकड़ने पर दिल्ली में ही कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस अध्यक्ष को नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष पद पर फैसला लेने को अधिकृत किया गया।
सूत्रों के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष का पद प्रीतम सिंह को सौंपने की सूरत में कुमाऊं से प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर चार नामों को प्रस्तावित किया गया है। पार्टी के भीतर एक पक्ष उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा को ही नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपने और प्रीतम सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखने पर जोर दे रहा है।
