उत्तरकाशी : विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कायाकल्प की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में प्रसाद योजना के तहत 48 करोड़ की डीपीआर को केंद्र से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। इस योजना में यमुनोत्री धाम में घाट, कुंड, वेटिग रूम, चेंजिग रूम व शौचालय निर्माण समेत मंदिर का सुंदरीकरण किया जाना है। दूसरे चरण में खरसाली स्थित यमुना व शनि मंदिर और जानकीचट्टी में पार्किंग, रोपवे निर्माण आदि कार्य होने हैं।
समुद्रतल से 3235 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में पड़ता है। इसे उत्तराखंड हिमालय के चारों धाम में प्रथम माना गया है और अधिकांश यात्री यहीं से चारधाम की यात्रा शुरू करते हैं। बावजूद इसके अभी तक यमुनोत्री धाम का समुचित विकास नहीं हो सका है। इसके अलावा वर्ष 2004 से लेकर 2018 तक यमुनोत्री क्षेत्र में चार बड़ी आपदाएं भी आई हैं, जिनसे धाम को भारी नुकसान पहुंचा है। लेकिन, वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार ने प्रसाद योजना के तहत यमुनोत्री के विकास को योजना तैयार की। अब इसकी डीपीआर को केंद्र से सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिल चुकी है। साथ ही मास्टर प्लान का ब्लू प्रिट और 3डी नक्शा भी पास हो चुका है। नक्शे के अनुसार मंदिर परिसर का विस्तार होगा, जिससे धाम की भव्यता भी बढ़ेगी। गर्म कुंड, वेटिग रूम, चेंजिग रूम व शौचालय की सुविधा अंडर ग्राउंड होगी।
19वीं सदी में जयपुर की महारानी गुलेरिया ने यमुनोत्री मंदिर बताया था। इसके बाद मंदिर का छोटे स्तर पर पुनर्निर्माण हुआ। वर्ष 1985 में काली कमली धर्मशाला के ट्रस्टी तोलाराम मोहनलाल जालान ने नागर शैली में मंदिर का पुनर्निर्माण किया। लेकिन, अन्य जरूरी सुविधाओं का यहां आज तक अभाव बना हुआ है। यहां तक कि नए निर्माण भी मास्टर प्लान के तहत नहीं हो सके। लेकिन, अब प्रसाद योजना में मंदिर के भव्य पुनर्निर्माण को लेकर बड़ी उम्मीदें हैं।
वर्षवार यमुनोत्री धाम पहुंचे यात्री
वर्ष, कुल यात्री
2020, 7806
2019, 466699
2018, 393943
2017, 397100
2016, 160563
2015, 123260
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‘अप्रैल 2021 से इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा। यमुनोत्री धाम में यात्री सुविधा व मंदिर के सुंदरीकरण के निमित्त कार्य होने हैं। इससे धाम में तीर्थाटन और अधिक बढ़ जाएगा।’
-केदार सिंह रावत, विधायक यमुनोत्री
‘धाम के कायाकल्प की डीपीआर को सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद जल्द वित्तीय स्वीकृति मिलने की भी उम्मीद है। धनराशि केंद्र सरकार से उत्तराखंड शासन को प्राप्त होगी।’
-मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी, उत्तरकाशी