हल्द्वानी: कुमाऊं के हल्द्वानी उप कारागार में बंदियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का सबसे बड़ा पुस्तकालय बनने की उम्मीद जताई जा रही है. हल्द्वानी उप कारागार में बनने वाले पुस्तकालय में करीब एक लाख से अधिक पुस्तकें उपलब्ध होंगी. वर्तमान में हल्द्वानी जेल में मिनी पुस्तकालय का संचालन किया जाता है जिसे पढ़कर कैदी अपने जीवन में परिवर्तन और अपने मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने का काम करते हैं.
गौरतलब है कि प्रदीप रघुनंदन पहले भी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में उनको बेहतर करने और कैदियों को सुधारने के लिए सैकड़ों कहानी गीत और किताबें लिख चुके हैं. कैदियों के उत्थान में काम करने के लिए प्रदीप रघुनंदन को नेशनल यूथ आईकॉन अवॉर्ड, उत्तर प्रदेश युवा रत्न पुरस्कार भी मिल चुका है. साथ ही वे विदेशों में जेल सुधारक के तौर पर काम कर चुके हैं. वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने बताया कि प्रदीप रघुनंदन हल्द्वानी जेल में विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं.