नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बताया कि कोई भी राजनीतिक नेता केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नजरबंद नहीं है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि परिवर्तनों से दोनों संघ शासित प्रदेशों में सामाजिक और आर्थिक विकास हुआ है. गौरतलब है कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था.
HIMAYAT स्कीम के तहत, 15,142 कैंडिटेट्स को सेल्स एंड कस्टमर सर्विस, हॉस्पिटैलिटी आदि में जॉब ओरिएंटेड ट्रेनिंग दी गई है. 31 जुलाई 2020 तक, 6763 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और 6556 युवाओं को रोजगार मिला है. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना भी कृषि, मोटर वाहन, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं, अपेरल, मेकअप और होम फर्निशिंग, सौंदर्य और वेलनेस, निर्माण आदि में प्रशिक्षण के लिए युवाओं को लक्षित कर रही है.
भारत सरकार की प्रमुख फ्लैगशिप योजनाओं को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश में लागू किया जा रहा है. लोकसभा में बयान देते हुए रेड्डी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक परिवर्तन और पुनर्गठन के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ पूरी तरह से मुख्यधारा में एकीकृत हो गए हैं. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में इस क्षेत्र के लिए 30,757 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
उन्होंने कहा कि परिवर्तनों के मद्देनजर सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कई उपाय किए गए, जिनमें कुछ व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया. रेड्डी ने कहा कि 11 सितंबर तक 223 लोगों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक परिवर्तनों के परिणामस्वरूप भारत के संविधान में निहित सभी अधिकार, सभी केंद्रीय कानूनों का लाभ अब जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए उपलब्ध है.
रेड्डी ने कहा कि परिवर्तनों से दोनों संघ शासित प्रदेशों में सामाजिक और आर्थिक विकास हुआ है. रेड्डी ने कहा कि लोगों के सशक्तीकरण, अन्यायपूर्ण कानूनों को हटाना, इक्विटी और निष्पक्षता उन लोगों के लिए लाना जो सदियों से भेदभाव का शिकार होते रहे अब वे व्यापक विकास के साथ मिल रहे हैं.