लक्सर में झोलाछाप पशु चिकित्स्कों की बजह से जानवरों में बढ़ी बांझपन की समस्या

लक्सर: क्षेत्र में झोलाछाप पशु चिकित्सकों की बढ़ती संख्या किसानों की परेशानी का सबब बन गई है. झोलाछाप चिकित्सकों की वजह से आए दिन किसानों के पशु अस्वस्थ हो रहे हैं. परेशान किसानों को उन्हें औने पौने दामों में बेचना पड़ता है. इन झोलाछाप पशु चिकित्सकों की वजह से पशुओं में बांझपन की शिकायत बढ़ रही है. जिसके चलते किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है. हालांकि, किसान कई बार कर इसकी शिकायत कर चुके हैं लेकिन मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इस शिकायत का किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया.

पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान के लिए इन झोलाछाप पशु चिकित्सक सड़क के किनारे खड़े होकर सीमेन (वीर्य) उपलब्ध करा रहे हैं. सीमेन उपलब्ध कराने वालों के पास ना ही तो कोई रजिस्ट्रेशन है ना ही कोई प्राधिकृत पत्र ही है. लक्सर के किसानों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी पशु चिकित्सा विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की थी. उसमें पशु चिकित्सा विभाग की ओर से शिकायतकर्ता को 10 दिन का समय दिया गया था. लेकिन एक माह से भी ज्यादा का समय बीत गया है परंतु विभाग अभी तक इन झोलाछाप पशु चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. विभाग शिकायतकर्ता को लगातार बहाने बनाकर बात को टालते आ रहा है.

लक्सर के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह ने क्षेत्र में बढ़ रही झोलाछाप चिकित्सकों की बात को सही माना और कहा वास्तव में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. पिछले दिनों देहरादून से आई एक टीम ने हल्की-फुल्की कार्रवाई की थी. लेकिन उसका प्रभाव कुछ नहीं पड़ा.

लक्सर उपजिलाधिकारी पूरन सिंह राणा न माना कि मामला बेहद गंभीर है. साथ ही आश्वासन दिया कि इस मामले की तत्काल ही जांच कराई जाएगी. जो भी इस तरह का कृत्य करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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