देहरादून: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की बुधवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्य की पीएमजीएसवाई सड़कों की समीक्षा की गई. जिसमें सामने आया कि राज्य की 72 सड़कें वन भूमि स्थानांतरण में लटकी हुई हैं. मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव द्वारा स्थानांतरण में फंसी इन सड़कों को लेकर पुनर्विचार के संकेत दिए गए हैं. ऐसे में अगर जल्द ही राज्य सरकार द्वारा दिसंबर तक इन पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो केंद्र द्वारा इन सड़कों की स्वीकृति समाप्त की जा सकती है.
बता दें कि उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना योजना के तहत तकरीबन 345 सड़कों को वन भूमि स्थानांतरण की स्वीकृति मिल चुकी है. इनमें से कई सड़कों पर काम भी शुरू हो चुका है. मगर अभी भी पूरे प्रदेश में 72 सड़कें ऐसी हैं जहां वन भूमि स्थानांतरण के मामलों के कारण इन सड़कों का काम शुरू नहीं हो पाया है.
ऐसे में देखना होगा कि जहां एक तरफ ग्रामीण क्षेत्रों को विकास से जोड़ने वाली मुख्य धारा के लिए पीएमजीएसवाई सड़क अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ऐसे में विभागीय सामंजस्य की कमी में यह सड़कें अगर हाथ से निकलती है तो यह प्रदेश के लिए दुर्भाग्य की बात होगी.