एसजीआरआरयू में फार्मा उद्यमिता एवम् फार्मा स्टार्टअप्स पर विषेशज्ञों ने दिखाई नई राहें

देहरादून: स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, श्री गुरु राम राय विष्वविद्यालय, देहरादून में फार्मा अन्वेशण 2025 का आयोजन बड़े उत्साह और जोष के  साथ किया गया । इस भव्य कार्यक्रम का षुभारंभ श्री गुरु राम राय विष्वविद्यालय की कुलपति, प्रो. (डाॅ) कुमुद सकलानी, डीन, स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, प्रो. (डाॅ) दिव्या जुयाल एवं विषिश्ठ अतिथियों द्वारा सयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया ।

इस अवसर पर प्रो. (डाॅ) दिव्या जुयाल ने अपने सम्बोधन में विद्यार्थियों को फार्मेसी षिक्षा के जनक डाॅ एम. एल. श्राॅफ की जयंती के बारे में अवगत कराया और उनके योगदान पर प्रकाष डालते हुए छात्र-छात्राओं को फार्मा सेक्टर में उज्जवल भविश्य हेतु प्रयासों के लिए प्रेरित किया । उन्होंने कहा कि फार्मास्युटिकल उद्योग में प्रगति और नवाचार के असीम अवसर अपलब्ध हैं, जिनका लाभ उठाने के लिए छात्र-छात्राओं को सतत प्रयास करना चाहिए ।इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देष्य ‘‘फार्मा में उद्यमिता और स्टार्टअप्स तथा फार्मेसी प्रैक्टिस को प्रोत्साहन-नवाचार, इनक्यूबेषन सेंटर और फार्मास्युटिकल स्र्टाटअप्स’’ को बढ़ावा देना था । यह आयोजन फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पी. सी. आई.) के सहयोग से संपन्न हुआ, जिसमें फार्मा क्षेत्र के प्रतिश्ठित विषेशज्ञों ने भाग लिया और विद्यार्थियों को उद्योग की आवष्यकताओं तथा संभावित करियर अवसरों के बारे में जागरूक किया । इसके उपरान्त डा. उत्तराखण्ड राज्य के सेंट्रल फार्मेसी काउंसिल के सदस्य डाॅ. षिवानंद पाटिल ने सम्बोधन में छात्र-छात्राओं को फार्मा अन्वेषश के विशय से परिचित कराया।कार्यक्रम में उपस्थित विषेशज्ञों ने फार्मा उद्योगों की विषेश जरूरतों और छात्र-छात्राओं से उनकी अपेक्षाओं पर प्रकाष डाला ।

कार्यक्रम में फार्मा क्षेत्र के जाने-माने विषेशज्ञों त्रिभुवन सेमवाल (जनरल मैनेजर, प्रोडक्षन – यूनि मेडिको लैब्स), संदीप नारायण (हेड एच आर – पलैनेट हर्ब) ने भी भाग लिया ।

विषेशज्ञों ने फार्मा उद्योग की मौजूदा जरूरतों और छात्र-छात्राओं से उनकी अपेक्षाओं पर प्रकाष डाला ।

श्री सन्दीप नारायण ने छात्र-छात्राओं को रोजगार योग्यता एवं फार्मा उद्यमीता बनने पर ध्यान देने और उद्योगों की बदलती आवष्यकताओं के अनुरूप समय को विकसित करने की सलाह दी ।त्रिभुवन सेमवाल ने कहा कि फार्मास्युटिकल उत्पादन में करियर बनाने के लिए छात्र-छात्राओं को व्यवहारिक ज्ञान और तकनीकी दक्षता विकसित करनी होगी। । उन्होंने गुणवत्ता पूर्ण उत्पादन और विनिर्माण प्रक्रियाओं की महत्त्व पर जोर दिया।

कार्यक्रम में उपस्थित कुछ फैकल्टी सदस्यों ने भी अपने विचार सांझा किए। जैसे की डा॰ मीनू चैधरी ने पेटेंट और उद्यमिता पर प्रकाष डाला । डा॰ मनीशा मैडुली ने स्र्टाटअप्स के बारे में जानकारी दी। और डा॰ योगेष ने फार्मा उद्यमिता पर अपने विचार प्रस्तुत किए ।

इसके साथ ही फार्मासी काउंसिल ऑफ इंडिया (पी. सी. आई.) के निर्देषानुसार, प्रस्तुत यू टयूब लिंक को छात्र-छात्राओं एवं फार्मा उद्योग से आए अतिथियों के साथ प्रदर्षित किया ।

इस आयोजन ने फार्मास्युटिकल षिक्षा, अनुसंधान और उद्योग के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का कार्य किया, जिससे छात्र-छात्राओं को नवीन अवसरों और उद्योग की अपेक्षाओं की गहरी समझ प्राप्त हुई फार्मा अन्वेशण 2025 जैसे कार्यक्रम भविश्य मंे भी फार्मास्युटिकल क्षेत्र में षोध, नवाचार और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देते रहेंगे ।

कार्यक्रम में स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज के सभी फैक्लटी सदस्यों एवं विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया ।

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