सावन की पहली ही बौछार में हरिद्वार शहर झील में तब्दील

हरिद्वार (नेटवर्क 10 संवाददाता ): मॉनसून की दस्तक ने हरिद्वार नगर निगम की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है. चंद घंटों की बारिश में ही पूरा शहर झील में तब्दील हो चुका है. गौरतलब है कि हरिद्वार महाकुंभ की तैयारियों को लेकर प्रशासन बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन कल रात हुई बारिश ने इन सभी दावों की पोल खोल कर रख दी है. पूरा शहर बारिश की वजह से जलमग्न हो गया है. आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ?

हर साल मॉनसून का सीजन आता है, जिसके लिए हरिद्वार प्रशासन पहले से ही तैयार होने का दावा करता है, लेकिन हर साल हरिद्वार की एक ही तस्वीर मॉनसून के सीजन में दिखाई देती है. हरिद्वार पूरी तरह जलमग्न दिखाई देता है. साथ ही पहाड़ों से आया पानी हरिद्वार के बाजारों में बहता हुआ दिखता है. बाजारों में सिर्फ और सिर्फ पानी और कीचड़ ही दिखाई देता है. आमजन की मानें तो यह लापरवाही प्रशासन की तरफ से होती है. क्योंकि अधिकारी सिर्फ और सिर्फ एसी दफ्तरों में बैठकर मॉनसून की प्लानिंग बनाते हैं, जो कि धरातल पर नहीं उतर पाती है और जिसका खामियाजा हरिद्वार की जनता को भुगतना पड़ता है.

वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि हरिद्वार शहर के विधायक व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक इसके लिए जिम्मेदार हैं. कौशिक 4 बार से लगातार विधायक रहे हैं. हर बार इसके लिए कोई ना कोई योजना बनाई जाती है, लेकिन यह योजनाएं सिर्फ फाइलों में ही रह जाती हैं. धरातल पर इसका कोई कार्य नहीं दिखता है. इसकी पोल कल हुई बारिश ने फिर से एक बार खोल दी है.

रानीपुर मोड़ के पास रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि कई वर्षों से शहर की यही हालत है, जिसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सिर्फ एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने की राजनीति कांग्रेस-बीजेपी करती रहती है. जबकि, यह समस्या अभी से नहीं बल्कि पहले से ही चलती आ रही है, जिसमें कांग्रेस और बीजेपी दोनों की सरकार रह चुकी है. प्रशासन अपनी जिम्मेदारी को समझे और इस समस्या का हल ढूंढ निकाले, जिससे हरिद्वार वासियों को इस समस्या का समाधान मिल सके.

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