सोमेश्वर (नेटवर्क 10 संवाददाता ) : जिले की कोसी नदी पुनर्जनन योजना, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. लेकिन जल निगम बागेश्वर ने जिला प्रशासन को बगैर सूचना दिए यहां पेयजल योजना के पुनर्गठन के नाम पर 4 इंच की पेयजल बिछाने का काम शुरू कर दिया. इसकी सूचना ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को दी. वहीं, डीएम ने संयुक्त टीम का गठन कर मौके का मुआयना करने के निर्देश दिए, जिसके बाद नदी पर मात्र ढाई इंच की पाइप लाइन बिछाने का निर्णय लिया गया.
दरअसल, मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘कोसी नदी पुनर्जनन योजना’ के तहत बागेश्वर जिले में पेयजल योजना का काम शुरू होना था. लेकिन ग्रामीण इसका विरोध कर रहे थे. ग्रामीणों को विरोध को देखते हुए क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, जल निगम के अधिकारी और नायब तहसीलदार निशा रानी ने इसका निरीक्षण किया. उधर, 4 इंच तक बिछाई गई पाइप लाइन को लेकर ग्रामीणों ने नाराजगी व्यक्त की है. सभी अधिकारियों ने मुआयना करने के बाद ये निर्णय लिया कि पहले जो ढाई इंच की पाइप लाइन बिछाई गई थी, उसी से पाइप लाइन से पानी की आपूर्ति की जाएगी. साथ ही ये निर्णय भी लिया गया कि कार्यदाई संस्था ग्रामीणों की मौजूदगी में ही आगे की पाइप लाइन बिछाएगी.
उधर, डीएम ने कोसी नदी का जल स्तर पता करने के लिए वन विभाग, राजस्व विभाग, जल निगम बागेश्वर और अल्मोड़ा क्षेत्र के ग्राम प्रधानों की संयुक्त टीम बनाने के निर्देश दिए थे. साथ ही ग्रामीणों को ये भी आश्वस्त किया गया कि अगर भविष्य में पानी की कमी होगी तो दूसरी पेयजल योजना का निर्माण नहीं होगा. वहीं, प्रधान संगठन के महामंत्री कैलाश जोशी ने बताया, कि संयुक्त टीम ने फैसला लिया है, कि पहले इस योजना के तहत जैसे पहले 65 एमएम की पाइप लाइन से पानी टेप किया जाता था. वैसे ही आगे भी पानी की सप्लाई की जाएगी. उधर कांटली गांव के ग्रामीणों और पंचायत सदस्यों का कहना है कि कोसी नदी के मूल स्रोत पर बिना अनुमति के 80 एमएम की पेयजल योजना बनाना नदी के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ है.