देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)। नैनीताल और मसूरी में फिलहाल होटल और रेस्टोरेंट नहीं खुलेंगे। ये फैसला प्रशासन ने नहीं बल्कि होटल संचालकों ने खुद लिया है। होटल एसोसिएशन का कहना है कि अभी माहौल इन्हें खोलने का नहीं है। उन्होंने ये भी कहा है कि अभी हमारे पास पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है।
होटल खोले जाने को लेकर मसूरी में होटल संचालकों ने बैठक की और फैसला किया कि अगले दस दिन तक होटल रेस्टोरेंट नहीं खोले जाएंगे। नैनीताल के होटल संचालकों ने भी यही फैसला लिया है। उनका कहना है कि सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को देखते हुए पर्यटकों के आने की संभावना न के बराबर है। ऐसे में इन परिस्थितियों में होटल खोलने का कोई औचित्य नहीं है।
आपको बता दें कि सोमवार को मसूरी में मसूरी होटल एसोसिएशन कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन पर चर्चा की गई। एसोसिएशन ने बताया कि बैठक में विस्तार से विमर्श के बाद तय किया गया कि फिलहाल दस दिन तक होटल बंद रखे जाएंगे। इसके बाद फिर एसोसिएशन की बैठक बुलाई जाएगी। इसके बाद ही होटल खोलने पर कोई फैसला लिया जाएगा।
इधर, उत्तराखंड होटल एसोसिएशन अध्यक्ष संदीप साहनी का कहना है कि होटल संचालकों के आगे सबसे बड़ी समस्या स्टाफ की है। लॉकडाउन के दौरान कर्मचारी अपने गांवों को लौट गए हैं। उन्होंने बताया कि मसूरी में कुल साढ़े तीन सौ होटल और गेस्ट हाउस हैं। इनमें से ज्यादातर छोटे और मझौले हैं।
इधर नैनीताल में करीब 500 छोटे-बड़े होटल और गेस्ट हाउस है जो 21 मार्च से ही बंद हैं। सरकार ने भले ही गाइडलाइन के साथ होटलों को खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन होटल संचालक होटल खोलने को तैयार नहीं हैं। नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र साह ने बताया कि पर्यटन गतिविधियों को शुरू करने के मामले में सरकार असमंजस में है। नैनीताल में पर्यटक तीन या चार दिन के लिए आता है, मगर सरकार की गाइडलाइन के अनुसार उसे सात दिन रहना होगा और खुद शपथ पत्र देना होगा कि वह स्वस्थ है। उसे बाजार या क्लब में घूमने की भी अनुमति नहीं होगी। तो ऐसे में पर्यटक यहां कैसे और क्यों आएगा।