देहरादून। धोखाधड़ी कर बैंक से 20 लाख रुपये का लोन लेने का मामला सामने आया है। सिंडिकेट बैंक प्रबंधक ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। न्यायालय ने आदेश दिया तो रायपुर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रायपुर थानाध्यक्ष डीएस नेगी ने बताया कि सिंडिकेट बैंक की सहस्त्रधारा रोड स्थित शाखा के प्रबंधक अमित जुयाल ने कोर्ट में धोखाधड़ी से लोने लेने पर प्रार्थना पत्र दिया। जिस आधार पर कोर्ट ने 156 (3)के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। धोखाधड़ी कर लोन लेने के आरोप में पंकज सिंह नेगी पुत्र पीएस नेगी निवासी थानी गांव राजपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि 20 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। बैंक प्रबंधक ने शिकायत में कहा है कंस्ट्रक्शन के लिए लोन लिया गया था। जो साल 2014 को जारी किया गया। रायपुर थाना प्रभारी दिलबर सिंह नेगी का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर विवेचना की जा रही है। बता दें कि एक सप्ताह के भीतर सिंडिकेट बैंक की शिकायत में कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। हाल ही में लोन लेने के लिए गिरवी रखी संपत्ति को धोखे से बेचने के आरोप में मुकदमे दर्ज हुए थे।
क्रेडिट कार्ड एक्टिवेट करने का झांसा देकर ठगा: क्रेडिट कार्ड एक्टिवेट करने का झांसा देकर वन विहार, बल्लूपुर चौक निवासी व्यक्ति के कार्ड से चालीस हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए गए। कार्ड से रकम ट्रांसफर होने का मेल आया तो पीडि़त को अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता लगा। इसे लेकर उन्होंने कैंट थाने में तहरीर दी। तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। धोखाधड़ी को लेकर विकास शर्मा हाल निवासी वन विहार, बल्लूपुर चौक ने गढ़ी कैंट थाने में तहरीर दी। कहा कि उन्होंने बीते साल एक्सिस बैंक का क्रेडिट कार्ड बनाया।
कार्ड आने के बाद उसे उन्होंने काफी समय तक एक्टिवेट नहीं किया। इस बीच उन्हें एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक कर्मचारी बताते कहा कि वह अपना क्रेडिट कार्ड एक्टिवेट कर लें। ऐसा न करने पर कार्ड ब्लॉक किए जाने की बात कही। उसने विकास से कार्ड एक्टिवेट करने लिए जानकारी ली। जानकारी लेकर उसने विकास का कार्ड एक्टिवेट कर उससे चालीस हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए। इसका पता विकास को दो दिन बाद कार्ड की ईमेल आने पर लगा। उन्होंने थाने में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।