पिथौरागढ़ : सीमांत जिले का मेलडुंगरी गांव जल्द कीवी उत्पादन के क्षेत्र में पहचान बनाएगा। ग्रामीणों की पहल पर कृषि विभाग ने हिमाचल प्रदेश के उन्नत नस्ल के 2100 कीवी पौधे मंगाकर गांव में लगा दिए हैं। जिलाधिकारी ने गांव को कीवी उत्पादन में अग्रणी बनाने के लिए मदद का भरोसा ग्रामीणों को दिया है।
जिला मुख्यालय से 15 किमी. दूर मेलडुंगरी गांव की आबोहवा कीवी उत्पादन के लिए मुफीद है। गांव के कुछ प्रगतिशील काश्तकारों का कीवी उत्पादन का प्रयोग सफल रहा। इसके बाद ग्रामीणों ने प्रशासन के सामने गांव में कीवी उत्पादन शुरू कराने की मांग रखी। जिलाधिकारी डा. विजय कुमार जोगदंडे ने किसानों की इस पहल का संज्ञान ले कृषि विभाग को उन्नत नस्ल के कीवी पौधे मंगाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी पौध और कृषि विभाग की टीम लेकर गांव पहुंचे। उन्होंने खुद कीवी का पौधा लगाया। गांव में कुल 2100 पौधे लगाए गए हैं। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर कहा कि बांस क्षेत्र ने बड़ी इलायची, डुंगरी गांव ने मत्स्य पालन और भटेड़ी गांव ने जिस तरह मुर्गी पालन में अपनी पहचान बनाई है, उसी तरह मेलडुंगरी गांव कीवी उत्पादन में जाना जाएगा। उन्होंने पशुपालन और उद्यान विभाग को गांव को योजनाओं का लाभ दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि बेमौसमी सब्जी उत्पादन के लिए गांव में पालीहाउस लगाए जाएंगे। कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने किसानों को कीवी उत्पादन की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही बताया कि यह फल शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने में बेहद उपयोगी है। गांव के प्रगतिशील काश्तकार केदार जोशी ने गांव में विपणन केंद्र और कोल्ड स्टोर खोले जाने की मांग की है।