पोखड़ा : जब हौसले बुलंद हो तो उम्र मायने नहीं रखती। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है पोखड़ा ब्लॉक के अंतर्गत वीणा मल्ली निवासी बुजुर्ग हरि सिंह बिष्ट ने। वर्तमान में हरि सिंह गांव के युवाओं को सेब की खेती का प्रशिक्षण दे रहे हैं। बुजुर्ग का प्रयास है कि इससे गांव का पलायन रुकेगा, वहीं ग्रामीणों की आर्थिकी भी मजबूत होगी।
हरि सिंह बिष्ट वर्ष 1984 से अपने गांव में खेती का काम कर रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने हिमाचल के कुछ अनुभवी काश्तकारों से सेब की खेती का भी प्रशिक्षण लिया था। हरि सिंह का यह अनुभव आज गांव के लिए वरदान साबित हो रहा है। वर्तमान में वह गांव के दस से अधिक युवाओं को सेब की खेती का प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने गांव में दस से अधिक सेब की प्रजातियों के पौधे लगाए हैं। वह बताते हैं कि युवाओं को नौकरी की तलाश में अन्य शहरों में भटकने के बजाय अपने गांव में ही खेती करनी चाहिए।
बेटे ने दिया साथ
हरि सिंह के चार बच्चे हैं। गांव में पिता के हौसले को देखकर उनके दूसरे नंबर के बेटे हरि उत्तम सिंह इतने प्रभावित हुए कि वह दिल्ली में एक निजी कंपनी की नौकरी छोड़ गांव पहुंचे व अपने पिता के काम में हाथ बंटाने लगे। वह बताते हैं कि वह अक्टूबर 2020 में नौकरी छोड़ परिवार के साथ गांव आ गए थे।
इन प्रजातियों के लगाए पौधे
हरि सिंह बिष्ट ने अपने गांव के खेतों में सेबी की क्लोनल बौन रूट स्टॉक की एम-09, एम 26 आधारित इवासिनी, रेड कान, एडम, सुपरचीफ, रेड विलॉक्स, स्कारलेट स्पार, मोडी, गाला फेंगल, चैलेंजर, गेल गाला प्रजाति के पौध लगाए हुए हैं। हरि सिंह बताते हैं कि इन प्रजातियों की खासियत यह है कि इसमे शीतकाल में ज्यादा चिलिग टाइम की आवश्यकता नहीं पड़ती।