आनेवाले दिनों में येल-ऑक्सफर्ड जैसी बड़ी यूनिवर्सिटी (Yale Oxford University in India) में पढ़ने का सपना भारत में रहकर भी पूरा हो सकता है. दरअसल, मोदी सरकार इस प्लानिंग पर काम कर रही है कि येल-ऑक्सफर्ड जैसी बड़ी यूनिवर्सिटीज भारत में भी अपने कैंपस खोलें. अगर ऐसा होता है तो यह शिक्षा के क्षेत्र का बड़ा बदलाव होगा. हर साल लगभग 7,50,000 छात्र पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं. विदेश में पढ़ाई पर छात्र हर साल करीब 15 बिलियन डॉलर खर्च करते हैं.
ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने खुद इसकी जानकारी दी है. बताया गया है कि संसद में इसको लेकर कानून बनाया जा सकता है कि भारत में विदेशी यूनिवर्सिटीज खुल सकें.
खबर के मुताबिक, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने बताया है कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार समेत कई यूनिवर्सिटीज ने उनके इस प्रपोजल में रुचि दिखाई भी है. पोखरियाल ने कहा कि जल्द दुनिया के बड़े संस्थान भारत में दिखेंगे. बता दें कि फिलहाल कुछ यूनिवर्सिटीज ने भारतीय संस्थानों के साथ पार्टनरशिप की हुई है. ऐसे में भी छात्र कुछ पढ़ाई में रहकर और फिर डिग्री पूरी करने के लिए मुख्य कैंपस यानी विदेश चले जाते हैं.