उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने अयोध्या (Ayodhya) में इस साल भी भव्य दीपोत्सव (Deepotsav) की तैयारी कर ली है. 2017 में शुरू हुआ यह दीपोत्सव इस बार नया रिकॉर्ड बनाएगा. अयोध्या को भव्य तरीके से सजाया गया है. दीपोत्सव के अवसर पर आज प्रभु श्री राम की नगरी में 24 घाटों पर इस बार 5 लाख 51 हजार से ज्यादा दीप जलाए जाएंगे.
नीचे दीयों की जगमग. बीच में हर खम्भे, पुल, गली, मोहल्ले और चैराहों पर बिजली की रोशनी. सबसे ऊपर चांद-तारों से होड़ लेती आसमान को छूती लेजर की सतरंगी आभा. और इस सबका शांत भाव से दीदार करता और अयोध्या के अब तक के इतिहास को खुद में समेटे कल-कल करता देश की पंच नदियों में से एक पावन सरयू का जल.
भव्यता-दिव्यता के साथ इकोफ्रेंडली भी
कुछ ऐसा होगा ऐतिहासिक साल 2020 में आयोजित होने वाला अयोध्या का दीपोत्सव. इस बार भव्यता और दिव्यता के साथ यह इकोफ्रेंडली भी होगा. लेजर शो के जरिये इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इकोफ्रेंडली दीपावली का भी संदेश देंगे. लेजर शो में प्रभु श्रीराम के विविध स्वरूपों का दर्शन होगा, मसलन अन्याय के प्रतीक रावण से युद्ध करते पराक्रमी राम तो लंका विजय के बाद अपनी जन्मभूमि कोशलपुरी (अयोध्या) पहुंचकर अपनों के बीच प्रफुल्लित राम.
लेजर शो का ऊंची जगहों पर प्रदर्शन
त्रेता युग में सीता, राम और लक्ष्मण के वनवास से लौटने पर अयोध्या वासियों ने जिस तरह गाजे-बाजे के साथ उनकी अगवानी की थी और अपने घरों में खुशियों के दीप जलाए थे, वह सब कुछ लेजर शो के जरिये दिखेगा. लेजर शो सबको कायदे से दिखे इसके लिए मुख्य कार्यक्रम स्थल पर सबसे ऊंची जगह से इसका प्रदर्शन होगा.
भगवान श्री राम की व्यापकता के मद्देनजर वहां भजन संध्या स्थल पर भारत के प्रमुख नृत्य मसलन कत्थक, ओडिसी, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, मणिपुरी का भी मंचन होगा. तीन राज्यों की रामलीला से इस आयोजन और बहुरंगी एवं विविधता में एकता की भारत की संकल्पना को और विस्तार मिलेगा.
अलग-अलग राज्यों की मंचीय प्रस्तुति
इस क्रम में अलग-अलग दिन लखनऊ, मुंबई और झारखंड के रामलीला दल, राम चरित्र पर आधारित मंचीय प्रस्तुति देंगे. इसके अलावा आल्हा, अवधी और भोजपुरी आदि के लोक कलाकारों को भी मंच और मौका मिलेगा. साकेत पार्क से रामकथा पार्क तक निकलने वाली शोभायात्रा भी खास होगी. इसमें रामायण के सभी प्रमुख प्रसंगों की झलक होगी.
संस्कृति निदेशालय के संयुक्त निदेशक योगेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस बार कोरोना के चलते कलाकारों को कोविड गाइडलाइन का पूरा पालन करना है. मंच पर प्रस्तुति देने वाले सभी 300 कलाकार ‘दीपोत्सव अयोध्या-2020’ के मास्क पहने हुए नजर आएंगे.