चमोली: हर साल आयोजित होने वाली मां नंदा देवी की लोकजात आज विकासखंड घाट के सिद्धपीठ कुरुड़ से विधि विधान के साथ शुरू हो गई है. यात्रा शुरू होने से पहले स्थानीय विधायक मुन्नी देवी शाह ने पूजा अर्चना की. जिसके बाद यात्रा का शुभारंभ किया गया. इस दौरान मां नंदा को ससुराल विदा करने आये भक्तों ने मां नंदा देवी की पूजा-अर्चना कर मनौतियां मांगी.
इससे पहले कुरुड़ गांव के गौड़ ब्राह्मणों ने ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 5:00 बजे विशेष पूजा अनुष्ठान किया. जिसके बाद दशौली व बाधाण की मां नंदा देवी की चल विग्रह डोलियों को गर्भ ग्रह से मंदिर परिसर में लाया गया. जहां पूरे दिन चली विशेष पूजा अर्चना के बाद देर शाम करीब 5 बजे यहां मां नंदा के जयकारों के साथ दशौली और बधाण की मां नंदा की डोलियां लोकजात यात्रा के पहले पड़ाव चरबंग और फरखेत के लिए रवाना हुई.
नंदा देवी यात्रा आगामी 14 दिनों तक विभिन्न पड़ावों से होते हुए बालपाटा और बेदनी बुग्याल में संपन्न होगी. जहां नंदा सप्तमी की पूजा के बाद दशौली की डोली सिद्धपीठ कूरुड़ पहुंचेगी. वहीं बधाण की नंदा 6 महीने प्रवास के लिए अपने ननिहाल देवराड़ा गांव पहुंचेगी. नंदादेवी मंदिर समिति कुरुड़ के अध्यक्ष मंसाराम गौड़ ने बताया कि प्रशासनिक नियमों के अनुरूप यात्रा में एक डोली के साथ 10 लोग ही शामिल होंगे. वहीं यात्रा पड़ाव में सामूहिक पूजा नहीं करवाई जाएगी.
कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन की ओर से सीमित लोगों की मौजूदगी में ही यात्रा का आयोजन करने की अनुमति प्रदान की गई है. ऐसे में इस साल लोकजात का आयोजन सादे समारोह के साथ किया गया. प्रशासनिक नियमों और कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष कुरुड़ गांव में मेले का भी आयोजन नहीं किया जाएगा.