उत्तराखंड: जब एक निजी अस्पताल ने कर दिया इंसानियत को शर्मसार, मंत्री ने लिया एक्शन

चम्पावत (नेटवर्क 10 संवाददाता)। चंपावत से एक खबर ऐसी सामने आई है जो इंसानियत को शर्मसार करने वाली है और भगवान का दूसरा रूप समझे जाने वाले डॉक्टरी के पेशे के लिए भी शर्मनाक है। दरअसल इनदिनों जिला अस्पताल कोविड-19 के मरीजों के इलाज में लगे हैं और दूसरी तरफ प्राइवेट अस्पतालों की मनमर्जी जाने का नाम नहीं ले रही है। यहां एक निजी अस्पताल से एक प्रसूता को इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसने 20 हजार रुपये जमा नहीं कराए।

घटना मंगलवार की है। एक प्रसूता को मंगलवार को चंपावत के जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन यहां से उसे निजी अस्पताल के लिए भेज दिया गया। इस अस्पताल में महिला की प्रसूति के लिए 20 हजार रुपये एडवांस मांगे गए। महिला ने जब पैसे न होने की बात कही तो उसको भर्ती करने से इनकार कर दिया गया। बेचारी महिला दर्द से कराहती हुई काफी दर इधर उधर भटकती रही। बाद में वो घर लौट गई। आखिर घर पर कुछ अन्य महिलाओं की मदद से उसने बच्चे को जन्म दिया।

बाद में इस पूरे मामले की शिकायत महिला के पति ने शिक्षामंत्री अरविंद पांडे से की। शिक्षामंत्री से शिकायत पर सीएमओ को जमकर फटकार लगाई साथ ही डीएम से कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाए।

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