उत्तरकाशी: जहां एक ओर प्रदेश में फायर सीजन के दौरान दावानल की घटनाएं देखने को मिली थीं, वहीं अब सर्दियों के आगाज के साथ ही एक बार फिर हर्षिल घाटी में जंगल धधकने लगे हैं. जिससे अमूल्य वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है. अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाया गया तो ये आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच सकती है.
आपको बता दें कि, अभी तीन दिन पूर्व मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक ने गंगोत्री और हर्षिल घाटी में निरीक्षण किया था. जहां पर हर्षिल घाटी पर्यटन समिति और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उनके सामने हर्षिल घाटी में वनाग्नि की समस्या और उसको बुझाने के लिए ड्रोन आदि के प्रयोग की मांग की थी. लेकिन उसके बाद अभी हर्षिल घाटी के जंगलों में आग लगातार जारी है. डीएफओ संदीप कुमार का कहना है कि हर्षिल घाटी में वनाग्नि की सूचना पर जल्द ही विभागीय कर्मचारियों द्वारा आग पर काबू पाने के लिए अभियान शुरू किया जाएगा.